अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मौत की रिपोर्ट गलत निकली है। एम्स के एक अधिकारी ने उसके जिंदा होने की पुष्टि की है। छोटा राजन को पिछले दिनों कोविड संक्रमण से इलाज के लिए एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छोटा राजन को तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान कोरोना हो गया था।
अप्रैल के आखिरी सप्ताह में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे अस्पताल में एडमिट कराया गया था। कई दिनों तक उसकी हालत स्थिर बनी हुई थी, लेकिन शुक्रवार को उसने दम तोड़ दियायह खबर आई।
छोटा राजन पर अपहरण और हत्या के कई मामलों समेत 70 से अधिक केस दर्ज थे। उसे मुंबई के सीनियर पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या में दोषी करार देते हुए आजीवन कैद की सजा सुनाई गई थी। हालांकि पिछले दिनों उसे हनीफ कड़ावाला की हत्या के केस में विशेष सीबीआई कोर्ट ने बरी कर दिया था।
खबर आई थी कि गैंगस्टर छोटा राजन की कोरोना से मौत हो गई है। इससे पहले तिहाड़ जेल के अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि गैंगस्टर छोटा राजन को इलाज के लिए नई दिल्ली के एम्स ले जाया गया था। गौरतलब है कि भारत के सबसे वांछित गैंगस्टरों में से एक राजन को इंडोनेशिया के बाली में दो दशकों की तलाश के बाद 2015 में गिरफ्तार किया गया था। राजन पर अकेले महाराष्ट्र में जबरन वसूली से संबंधित 68 मामले हैं। सितंबर 2000 में राजन पर एक जानलेवा हमला भी हुआ था।
गिरफ्तारी के बाद राजन को तिहाड़ में सबसे अलग रखा गया था। जहां सुरक्षा कारणों से अन्य कैदियों के साथ बातचीत करने की भी अनुमति नहीं थी। अधिकारियों को संदेह है कि उसे किसी जेल अधिकारी के संपर्क में आने से संक्रमण हुआ होगा। बता दें कि देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच तिहाड़ में पिछले चार हफ्तों में 20,500 कैदियों और 60 जेल अधिकारियों में से कम से कम 170 कोविड -19 पॉजिटिव पाए गए हैं।
यहां तक कि दिल्ली हिंसा मामले में सजायाफ्ता उमर खालिद उन कैदियों में से हैं, जो कि तिहाड़ में बंद हैं और कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। खालिद को जेल परिसर के भीतर आइसोलेशन में रखा गया है।
जेल अधिकारियों ने कहा कि देश के सबसे भीड़भाड़ वाले जेल परिसर में संक्रमण का प्रसार इस प्रकार है कि राजन और बिहार के गैंगस्टर से नेता बने मोहम्मद शहाबुद्दीन जैसे कैदी, जो कि अकेले थे, कोरोना पॉजिटिव पाए गए। मोहम्मद शहाबुद्दीन की हाल ही में मौत हुई थी।
बता दें कि छोटा राजन तिहाड़ जेल में सजा काट रहा था। छोटा राजन और दाऊद इब्राहिम की एक जमाने में दोस्ती थी जो बाद में दुश्मनी में बदल गई थी। दरअसल 1993 मुंबई बम धमाकों के बाद छोटा राजन दाऊद से अलग हो गया था। इसके बाद से ही दाऊद राजन को मरवाना चाहता था। इससे बचने के लिए ही राजन ने गिरफ्तारी दे दी थी।