Katni मां काली की भक्ति की अनूठी मिसाल कटनी में देखने को मिलेगी। यहां दीपावली के दिन की प्रतिमा की स्थापना तथा एकादशी में प्रतिमा विसर्जन होगा। शहर के एक देवी भक्त द्वारा यह किया जा रहा। इस भक्त का नाम दीपक कछवाहा है।
मां भगवती की आराधना का पर्व नवरात्रि जिसमें वर्ष भर चार नवरात्र तिथि पड़ती है पहली चैत्र नवरात्र दूसरी शारदेय नवरात्र तीसरी अश्विन मास नवरात्र चौथी माघ नवरात्रि जिसमें सिर्फ शारदीय नवरात्र में ही प्रतिमाएं स्थापित करने का विधान है। अश्विन और माघ में पड़ने वाली नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है, लेकिन जब दीपावली के समय नौ देवियों में से सबसे क्रोधित मां काली की स्थापना हो और एकादशी के बाद विसर्जन किया जाए तो यह सुनने में अजीब लगता है, लेकिन नई बस्ती के एक काली भक्त दीपक कछवाहा द्वारा 1 माह की मेहनत के बाद मां काली की मूर्ति का स्वयं निर्माण किया गया और ठीक दीपावली पर्व के दिन नई बस्ती सिंधी स्कूल के पास स्थित पंडाल में मूर्ति की स्थापना की गई।
मां काली का विसर्जन एकादशी के बाद भंडारा आयोजित कर किया जाएगा। ब्रजमोहन महाकाली सेवा समिति के तत्वाधान में मूर्ति की पंडाल में स्थापना की गई है इस अनूठी पूजा और मां काली के अनन्य भक्त को देखने लोग यहां पहुंच रहे हैं। दीपक ने कहा कि यह प्रेरणा पश्चिम बंगाल से मिली जहां दीपावली के समय काली पूजा का विशेष महत्व है उन्होंने भी यह प्रण लिया कि वह भी दीपावली के अवसर पर प्रतिमा की स्थापना करेंगे और विगत 3 वर्षों से लगातार मूर्ति की स्थापना दीपावली पर्व पर कर रहे हैं। गौरतलब है कि बंगाली समाज द्वारा नवरात्रि के पहले ही दिन काली की मूर्ति लाई जाती है जिसका पूजन दीपावली के दिन किया जाता है पूजन के बाद उन्हें विसर्जित कर दिया जाता है ।