दरअसल इस साल मार्च में हुई ओपन स्कूल की परीक्षा के दौरान,जांच टीम ने कई ऐसे फर्जी छात्रों को पकड़ा था, जो दूसरों के नाम पर परीक्षा दे रहे थे। एनओआईएस के अधिकारियों की मानें तो फर्जीवा़ड़े को रोकने के लिए अगले सत्र से परीक्षा केंद्रों के बाहर स्कैनर मशीन लगाई जाएगी और परीक्षार्थियों की बायोमेट्रिक पहचान जांची जाएगी,सही पाए जाने पर ही परीक्षार्थी परीक्षा दे पाएंगे।
साथ ही एनआईओएस ने ये भी फैसला किया गया है कि जिन स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे नहीं होंगे, उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा, वहीं परीक्षा के दौरान पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
कब से काम कर रहा है एनआईओएस –
1989 में गठन के बाद से ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल अलग-अलग तरह के वोकेशनल कोर्स के अलावा, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्तर के शैक्षणिक कोर्स चला रहा है।