भोपाल। मध्य प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए शिवराज सरकार अब अध्यादेश लाने जा रही है। इसके माध्यम से 1869 अनाधिकृत (अवैध) कॉलोनियों को नियमित करने का अधिकार निकायों को मिलेगा। इसके पहले पांच हजार से ज्यादा कॉलोनियों को शुल्क लेकर नियमित किया जा चुका है। इनका प्रबंधन नगरीय निकायों ने अपने हाथ में ले लिया है पर तीन जून 2019 के बाद से कोई अवैध कॉलोनी नियमित नहीं हुई क्योंकि हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश नगर पालिका कॉलोनाइजर संबंधी शर्तों के एक नियम को रद कर दिया था।
दिसंबर 2016 तक के निर्माण होंगे शामिल
मध्य प्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 में नियम 15-क जोड़ा गया था। इसमें 31 जून 1998 तक विकसित अनाधिकृत कॉलोनियों तथा उसमें भूखंडों पर अवैध निर्माण का शुल्क लेकर नियमितीकरण करने का प्रविधान था। इस समय सीमा को पहले 30 जून 2002 तक फिर 31 दिसंबर 2016 तक बढ़ाया गया था।
यह होंगे फायदे
बैंक से भूखंड पर ऋण ले सकेंगे।
– सड़क, बिजली, पानी सहित अन्य सुविधाएं नगरीय निकायों के माध्यम से मिल सकेंगी।
– स्वीकृत नक्शे से अधिक निर्माण यदि 20 फीसद तक है तो उसे समझौता शुल्क लेकर मान्य किया जाएगा। इससे अधिक को तोड़ा जाएगा।
– निकायों की आय बढ़ेगी और विवाद भी खत्म होंगे।
सख्ती भी होगी
– बिना निर्माण कॉलोनी बनाने वाले कॉलोनाइजर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सात साल की सजा और दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकेगा। रहवासी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी।
– कॉलोनाइजर यदि जुर्माने की राशि नहीं चुकाते हैं तो बैंक गारंटी या संपत्ति कुर्क करके वसूली की जाएगी।
– यदि अवैध निर्माण होता है तो संबंधित नगरीय निकाय के अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय होगी।