आगरा Agra Oxygen Mock Drill । उत्तरप्रदेश के आगरा जिले में एक अस्पताल में तथाकथित मॉक ड्रिल के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन मॉक ड्रिल के दौरान सिर्फ 5 मिनट में भी 22 मरीजों की मौत का मामला सामने आया है।
Agra: Seven patients including COVID infected died in a private hospital due to alleged oxygen shortage on April 26&27
There were 22 critical patients admitted in the hospital but have no details of their death. We'll look into the video surfaced about their death:Agra DM(07.06) pic.twitter.com/9shp2OYFWr
— ANI UP (@ANINewsUP) June 8, 2021
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मॉक ड्रिल के दौरान सिर्फ पांच मिनट में ही ऑक्सीजन की कमी के कारण 22 मरीजों की मौत हो गई है। अब सोशल मीडिया पर भी इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में अस्पताल के मालिक बता रहे हैं कि 26 अप्रैल को ऑक्सीजन की कमी के कारण 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई को रोक गया था, ऐसे में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही थी कि क्या गंभीर मरीज जरूरत पड़ने पर बिना ऑक्सीजन के भी जीवित रह सकते हैं।
इधर आगरा के जिलाधिकारी ने आगरा के डीएम ने ऑक्सीजन की कमी से 22 मरीजों की मौत को सिरे से गलत बताया है। डीएम ने कहा कि 26 और 27 अप्रैल को ऑक्सीजन की कथित कमी के चलते 7 मरीजों की निजी अस्पताल में मौत हो गई। उन्होंने साफ किया कि निजी अस्पताल में 22 गंभीर मरीज भर्ती थे। उन्होंने यह भी कहा कि वायरल वीडियो के आधार पर हम इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं।
Medical murder: Amid scarcity of oxygen, 22 patients in critical condition reportedly died after a private hospital management switched off oxygen supply for 5 minutes on Apr 26.
Dr Arinjay Jain, owner of Paras hospital in Agra, caught on camera narrating the inhuman incident. pic.twitter.com/CNb8eLqaeB
— Deepak-Lavania (@dklavaniaTOI) June 7, 2021
वायरल वीडियो में खुलासा
दरअसल सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें एक शख्स की आवाज सुनाई दे रही है, लेकिन कैमरे पर नहीं दिख रहा है और वह व्यक्ति कह रहा है कि 26 अप्रैल के दिन ऑक्सीजन की कमी के कारण केवल 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन का सप्लाई रोका गया था, यह प्रयोग गंभीर मरीजों पर यह देखने के लिए किया गया कि क्या जरूरत पड़ने पर वह बिना ऑक्सीजन के जीवित रह सकते हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो में आवाज अस्पताल के संचालक की है, जो कह रहे हैं कि ऑक्सीजन की किल्लत के कारण मोदीनगर से सप्लाई मंगवाई जा रही थी। मरीजों के परिजनों को डिस्चार्ज के लिए बोला गया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद एक प्रयोग करने का फैसला लिया।