होशंगाबाद। मध्यप्रदेश का शिक्षा विभाग कोरोनावायरस का संक्रमण फैलाने का कारण बनता जा रहा है। होशंगाबाद के 16 स्कूलों में 26 शिक्षक पॉजिटिव पाए गए। बावजूद इसके, ना तो स्कूलों को लॉकडाउन किया गया ना ही सैनिटाइजेशन कराया गया। कांटेक्ट हिस्ट्री की कल्पना करना ही बेकार है।
कोर्स खत्म हो गया फिर भी स्कूल बुला रहे हैं
मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के दायरे में आने वाले सरकारी स्कूलों में कक्षाएं नियमित रूप से संचालित की जा रही है। जबकि स्पष्ट हो गया है कि केवल 10वीं हाई स्कूल एवं 12वीं हायर सेकेंडरी स्कूल की परीक्षाएं पुराने ऑफलाइन पैटर्न पर आयोजित की जाएगी शेष सभी परीक्षाएं या तो ओपन बुक सिस्टम से आयोजित की जाएंगी या फिर रद्द कर दी गई है। 10वीं एवं 12वीं का कोर्स भी पूरा हो चुका है। बावजूद इसके नियमित रूप से कक्षाएं संचालित करने का दबाव बनाया जा रहा है।
यह लापरवाही जानलेवा है
स्थानीय प्रशासन न केवल स्कूलों का संचालन करवा रहा है जबकि एक शिक्षक के पद से पाए जाने पर उसकी जगह दूसरे शिक्षक को कक्षा में भेजा जा रहा है। विषय के विशेषज्ञ द्वारा पढ़ाई नहीं हो पा रही है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन है कि यदि किसी स्कूल में कोई छात्र या फिर शिक्षक संक्रमित पाया जाए तो कम से कम 3 दिन के लिए उस परिसर को बंद कर दिया जाए एवं सैनिटाइजेशन के बाद ही फिर से संचालित किया जाए। होशंगाबाद के सरकारी स्कूलों में इस तरह की किसी भी गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। अध्यापक संघर्ष समिति मप्र के मीडिया प्रभारी हीरानन्द नरवरिया ने डिपार्टमेंट से इस मामले में कदम उठाने की मांग की है।