कटनी। वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ स्वरोजगार स्थापित करने के लिए जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भूमि में नमी संरक्षण खरपतवार नियंत्रण एवं भूमि के कटाव को रोकने तथा फसल उत्पादन में वृद्धि के लिए आच्छादन मल्चिंग किया जाता है।
जैविक मल्चिंग के अंतर्गत पत्तियां घास की कतरन पीस मोट लकड़ी के टुकड़े पेड़ों की छाल की कतरन एस्ट्रा मल्च पाइन एस्ट्रा कार्डबोर्ड। अखबार आदि तथा कृत्रिम पदार्थ के अंतर्गत रबर एवं प्लास्टिक मल्चिंग के उपयोग का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।
बाड़ लगाने से फसलों की जंगली एवं पालतू पशुओं से सुरक्षा हेतु खेत के चारों तरफ बाड़ लगाना आवश्यक है इसके अंतर्गत पौधों की बाड़ लगाना। सुखी एवं हरी कटीली झाड़ियां कटीले तार जालीदार तार खाई बनाकर सुरक्षा खखड़ी एवं पक्की बाड़ लगाना विद्युत तार की बाड़ इसके संपर्क में आने पर पशुओं को हल्का झटका लगने से पशु खेत में नहीं आते जिससे फसल की सुरक्षा होती है इसका तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।
यह प्रशिक्षण प्राचार्य इंद्र कुमार पटेल के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक मंजू द्विवेदी तथा विवेक चौबे के सहयोग से दिया जा रहा है।