Ganga Saptami: आज हिंदुओं का प्रमुख त्योहार गंगा सप्तमी है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि वैशाल शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथी के दिन ही माता गंगा स्वर्ग लोक से भगवान भोलनाथ की जटाओं में समाई थी। इस विशेष दिन को गंगा सप्तमी के नाम से जाना जाता है। साथ यह भी धार्मिक मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन ही ऋषि भगीरथ ने कठोर तपस्या करने के बादृ माता गंगा को स्वर्ग से धरती पर अवतरित करने के लिए मजबूर कर दिया था।
गंगा सप्तमी पर दान पुण्य का महत्व
पुराणों में गंगा सप्तमी के दिन दान पुण्य का विशेष महत्व दर्शाया गया है। साथ ही यह भी माना जाता है गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान, तप और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान करना बेहद शुभ होता है, हालांकि इस साल कोरोना संकट काल के कारण भक्त घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करते हैं।
गंगा सप्तमी 2021 का शुभ मुहूर्त
गंगा सप्तमी दिन मंगलवार, 18 मई 2021 को दोपहर 12.32 मिनट से शुरू होगी, जो कि बुधवार, 19 मई 2021 को दोपहर 12.50 मिनट तक रहेगी।
गंगा सप्तमी पर ऐसे करें पूजा
– गंगा सप्तमी के दिन लोटे में गंगाजल भरकर उसमें पांच बेलपत्र डालें।
– भगवान शिवलिंग एक धारा से यह गंगाजल ‘ओम नम: शिवाय’ का जाप करते हुए अर्पित करें।
– जल अर्पित करने के बाद भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाएं।
– इस विधि से पूजा अर्चना करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। व्यक्ति को रोजगार में नए अवसरों की प्राप्ति होती है।
गंगा सप्तमी पर पूजा के दौरान ना करें ये गलतियां
– गंगा स्नान के समय हमेशा नदी की धारा या सूर्य की ओर मुख करके नहाएं, उल्टी दिशा में जल चढ़ाने से लाभ नहीं होता है।
– शास्त्रों के मुताबिक गंगा ही नहीं, बल्कि किसी भी नदी में स्नान करते समय हमेशा 3, 5, 7 या 12 डुबकियां लगाना शुभ माना जाता है।
– गंगा स्नान करते समय मन में छल या कपट न रखें। श्रद्धा और विश्वास के साथ मां गंगा को प्रणाम करें। स्नान के दौरान धर्म विरुद्ध आचरण न रखें।
– गंगा में स्नान करते वक्त गंगा तट को साफ-सुथरा रखने में सहयोग करें।
गंगा स्त्रोत का पाठ करना भूल जाते हैं, गंगा पूजन के बाद मां गंगा की आरती जरूर करें।