देश में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक-वी टीका लगाए जा रहे हैं। वहीं जल्द ही अन्य कंपनियों की वैक्सीन भी भारत में उपलब्ध होगी। इस बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुछ मापदंड बताए है। जिसकी सहायता से स्वास्थ्यकर्मी असली और नकली कोरोना वैक्सीन की पहचान कर पाएंगे।
सरकार ने यह जानकारी ऐसे समय में राज्यों के साथ साझा की गई है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीकी क्षेत्र में नकली कोविशील्ड मिलने पर चिंता जताई है। स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव मनोहर अग्नानी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों एवं प्रमुख सचिवों को पत्र लिखा है। कहा कि वैक्सीन को लगाने से पहले उसकी सत्यता सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके लिए डोज के लेबल और अन्य जानकारी कार्यक्रम प्रबंधकों और सेवा प्रदाताओं को उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि कोविशील्ड की वैक्सीन की शीशी पर गहरी हरे रंग में उत्पाद का लेबल होता है। गहरे हरे रंग की एल्यूमीनियम की सील होती है। इसी तरह सभी वैक्सीन को लेकर पत्र में उनकी पहचान के मापदंड दिए गए हैं।