इंदौर के स्काई अर्थ sky earth और हाईलिंक बिल्डकान high link buildcon ग्रुप के 25 ठिकानों पर आयकर इंवेस्टिगेेशन विंग की टीमों ने मंगलवार सुबह से जांच शुरू की थी। इन दोनों समूहों से जुड़े संजय कासलीवाल, रमेश खेमानी समेत कुछ ब्रोकर भी जांच के दायरे में आए हैं। चार ब्रोकरों के ठिकानों पर भी आयकर की इंवेस्टिगेशन विंग ने छापा मारा।
बुधवार शाम तक आयकर विभाग के अधिकारियों के हाथ 29 करोड़ के संदिग्ध लेन-देन का हिसाब हाथ लग चुका है। इसमें पांच करोड़ रुपये की नकदी शामिल है। रियल एस्टेट कारोबारियों के ठिकानों से आठ बेशकीमती घड़ियां भी आयकर के अधिकारियों को मिली हैं। घड़ियों की कीमत आंकने के लिए आयकर को विशेषज्ञ मूल्यांकनकर्ताओं की मदद लेना पड़ रही है।
स्काय अर्थ समूह में डायरेक्टर के रूप में जुड़े सागर चावला, निम्मी चावला और गोविंद चावला के साथ नीरज सचदेवा भी जांच के दायरे में हैं, जबकि हाई लिंक ग्रुप से जुड़े कैलाश कुसुमाकर, वीरेंद्र गुप्ता व उनके परिवार के ठिकानों पर विभाग की टीमें जांच कर रही हैं।
स्काय अर्थ समूह के सत्यसाईं चौराहा स्थित मुख्य दफ्तर के साथ हाईलिंक समूह के भागीदारों को एयरपोर्ट क्षेत्र में ठिकानों पर विभाग के 150 अधिकारी बुधवार को जांच करते रहे। अघोषित आय के सबूत इकट्टा करने पर जांच केंद्रित रही। सभी ठिकानों पर आयकर अधिकारियों ने कंप्यूटर, लैपटाप, मोबाइल और दस्तावेज जब्त किए।
इस दौरान कुछ पेन ड्राइव, करेंसी नोट चिपके इकरारनामे भी विभाग को मिले। इनकी जांच में साबित हुआ कि बिल्डर-डेवलपर भूखंड, फ्लैट और व्यवसायिक प्रकोष्ठों की बिक्री करने के लिए लाखों रुपयों की राशि नकद में ले रहे थे। नकद में जमीन और संपत्ति बेची जा रही थी। साथ ही किसानों से जमीन की खरीदी के बदले भुगतान भी नकद में किया जा रहा था। किसानों को किए गए गए ऐसे करीब 10 करोड़ रुपये की एंट्री विभाग के हाथ लग गई है।
14 करोड़ रुपये की हुंडी मिली
10 करोड़ रुपये के लेन-देन के हिसाब के अलावा 14 करोड़ रुपये की हुंडी की रसीदें भी विभाग ने अलग-अलग ठिकानों से बरामद की हैं। हुंडी और नकद में जमीन के लिए किए गए भुगतान के आधार पर इंवेस्टिगेशन विंग जांच का दायरा बढ़ाने जा रही है।
नकद भुगतान स्वीकारने वाले किसानों की पहचान कर विभाग उनके बीते वर्षों के आयकर रिटर्न की जांच में जुट गया है। किसानों को कृषि की आय पर तो कर छूट है, लेकिन जमीन की बिक्री या अन्य माध्यम से अर्जित आय पर पूरा टैक्स देना होता है। ऐसे में अब नकद में भुगतान लेकर जमीन बेचने वाले किसानों को भी नोटिस दिए जा रहे हैं। हुंडी पर रुपया देने वालों की पहचान में भी विभाग जुटा है।