एल्युमीनियम के बर्तनों में भूलकर भी न पकाएं ये चीजें, सेहत को होते हैं ये बड़े नुकसान

एल्युमीनियम के बर्तनों में भूलकर भी न पकाएं ये चीजें, सेहत को होते हैं ये बड़े नुकसान

Aluminium एल्युमीनियम अक्सर कई लोग इस बात से अनजान होते हैं कि आप जिस धातु के बर्तन में खाना पकाते हैं उसके गुण भोजन में स्वत: ही आ जाते हैं। भारतीय रसोई में एल्युमीनियम, तांबा, लोहा, स्टेनलेस स्टील और टेफलोन से बने बर्तनों का इस्तेमाल आम होता है। ऐसे में आपको घर के लिए बर्तन खरीदते समय उससे होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी है।

एलमुनियम का कुकर तो लगभग 90% घरों में होगा पर क्या

आजकल एल्युमीनियम से बने बर्तनों का इस्तेमाल लगभग हर घर में होता है। एलमुनियम का कुकर तो लगभग 90% घरों में होगा पर क्या आप जानते हैं इस धातु से बने बर्तन में कुछ चीजों को पकाने की मनाही होती है।

कीमत कम होने की वजह से यह ज्यादातर भारतीय रसोई का हिस्सा

एल्युमीनियम के बर्तनों में क्या नहीं पकाना चाहिए दरअसल एल्युमीनियम के बर्तन कुकर से लेकर कड़ाहियां हल्के, मजबूत और गुड हीट कंडक्टर होते हैं। कीमत कम होने की वजह से यह ज्यादातर भारतीय रसोई का हिस्सा होते हैं। इसके अलावा ये हीट का अच्छा कंडक्टर होता है इसलिए इसमें तेज़ी से खाना बनाया जा सकता है। एल्युमीनियम अगर शरीर में ज्यादा हो जाए तो ये नुकसानदेह मेटल साबित हो सकता है। शोधकर्ताओं की मानें तो एल्युमीनियम के बर्तन में चाय, टमाटर प्यूरी, सांभर और चटनी आदि बनाने से बचना चाहिए। इन बर्तनों में खाना जितनी देर तक रहेगा, उसके रसायन भोजन में उतने ही ज्यादा घुलने लगते हैं।

महर्षि आयुर्वेद चिकित्सा संस्थान भोपाल के वैद्यराज त्रिगुणाचार्य के अनुसार सेहत पर हुए एक अध्ययन में बताया गया कि, जब एल्युमिनियम के बर्तनों में खाना पकाया जाता है, तो हानिकारक एजेंट आसानी से भोजन के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एल्युमीनियम बहुत जल्दी गर्म हो जाता है। जिसके बाद यह हानिकारक एजेंट शरीर के अंदर पहुंचकर व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

इसीलिए पुराने समय में अंग्रेज हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को जेल में बंद कर उनको धीरे-धीरे मरने के लिए एलमुनियम के बर्तनों में खाना बनाकर और एलुमिनियम के बर्तनों में ही खाना परोस कर देते थे ताकि यह जहरीली धातु उनके शरीर में धीरे-धीरे घुले और उनकी मौत हो जाए यह एक बहुत बड़ा षड्यंत्र था।

एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाने से वो खाने से आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों को सोख लेता है। इसका मतलब अगर खाने के साथ एल्युमीनियम पेट में जाता है तो यह शरीर से आयरन और कैल्शियम सोखना शुरू कर देता है। इससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। कुछ अल्जाइमर (याद्दाश्त की बीमारी) के मामलों में मस्तिष्क के उत्तकों में भी एल्युमीनियम के अर्क पाए गए हैं। जिससे यह तो स्पष्ट है कि एल्युमीनियम के तत्व मानसिक बीमारियों के संभावित कारण भी हो सकते हैं। शरीर में एल्युमीनियम की मात्रा अधिक हो जाए, तो टीबी और किडनी फेल तक हो सकती है। यह हमारे लिवर और नर्वस सिस्टम के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता है।

कोशिश करें कि एलमुनियम के जो भी बर्तन आपके घरों में हो उनको धीरे-धीरे रिप्लेस करें लोहा,स्टील तांबा कांसा पीतल आदि के बर्तनों का उपयोग ज्यादा करें, इससे इन धातुओं की पोषक था आपके शरीर में बढ़ेगी और आपका शरीर ताकतवर व मजबूत बनेगा।

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