ऑक्सीजन लेने लोग पता नहीं क्या क्या कर रहे हैं लेकिन माना जाता है कि पीपल का पेड़ ऐसा व्रक्ष होता है जो सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता है। तो फिर भला इसका लाभ क्यों न लिया जाए, पढ़िए आगे …
कोरोना संकट के बीच देश में कई स्थानों पर ऑक्सीजन की भी भारी किल्लत रही। इस बीच प्रदेश में कोरोना हॉटस्पॉट रहे इंदौर में एक बुजुर्ग ने जो किया, वो देखकर कोई भी अचंभे में पड़ जाएगा। लोगों को पेड़ बचाने की सीख देने के लिए इन्होने पेड़ पर ही डेरा डाल लिया।
रंगवासा के रहने वाले 67 वर्षीय राजेंद्र पाटीदार का अधिकांश समय इन दिनों पीपल के पेड़ पर गुजरता है। रोज शुद्ध हवा और ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए इन्होने ऑक्सीजन देने वाले पीपल के पेड़ पर ही बसेरा बना लिया है। दिनभर में उन्हें जब भी मौका मिलता है वो पीपल के पेड़ पर चढ़ जाते हैं। इस उम्र में भी इतने बड़े पेड़ पर चढ़ने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होती।
ये बाकायदा अपनी कुर्सी लेकर पेड़ पर चढ़ते हैं और वहां कुर्सी तानकर बैठ जाते हैं। इतना ही नहींं, राजेंद्र पाटीदार वहीं पर आसन जमाए कपाल कपाल भारती, प्राणायाम और योग भी कर लेते हैं। करीब 20 दिनों से ये ही इनकी दिनचर्या है।
इस तरह से ये लोगों को पेड़ और प्राकृतिक ऑक्सीजन बचाने का संदेश भी दे रहे हैं। ये पेशे से किसान हैं और इनके घर के पास कई तरह के पेड़ लगे हैं। कहा जाता है कि पीपल का पेड़ ऑक्सीजन का अच्छा स्त्रोत है इसलिए इन्होने इससे गहरी दोस्ती कर ली और उसे अपना घर ही बना लिया है।
उनके पेड़ पर चढ़ने को लेकर शुरूआत में घरवाले थोड़ा घबराए जरूर, लेकिन अब वो भी उनका साथ देते हैं और उनकी जरूरत की चीजें पेड़ पर ही मुहैया करा देते हैं। आते जाते लोग उनसे बात करना चाहें तो और वो पेड़ पर बैठे बैठे ही संवाद भी कर लेते हैं। उनका दावा है कि इस तरह प्रकृति के करीब रहने से उन्हें न तो कभी कोरोना होगा, न ही ऑक्सीजन की कमी। उनकी देखादेखी अब उनका पोता भी ये सोहबत करने लगा है और वो भी अपने दादाजी के साथ पेड़ पर चढ़ जाता है।