भोपाल. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ (Kamal Nath) के खास तीन आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ चुनाव आयोग (Election Commission) ने एफआईआर (FIR) दर्ज करने का आदेश दिया है. उन पर 2019 के लोकसभा के चुनाव में हवाला के पैसे का इस्तेमाल करने का आरोप है. यही नहीं, चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश जारी कर कमलनाथ के तीन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. आपको बता दें कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से मिली रिपोर्ट के बाद आयोग ने यह आदेश जारी किया है. मध्य प्रदेश में आम चुनाव 2019 के दौरान बेहिसाब नकदी के बड़े स्तर पर इस्तेमाल की जानकारी आयोग को मिली है, जो कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 132 के तहत आयकर नियमों के खिलाफ है. आयोग के सूत्रों के मुताबिक, कमलनाथ के जिन खास तीन अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश है उनमें सुषोवन बनर्जी, संजय माने और वी मधु कुमार का नाम शामिल है.
रिपोर्ट के अनुसार आयकर विभाग ने आम चुनाव 2019 के समय मध्य प्रदेश में तलाशी ली थी और बड़ी मात्रा में धन के इस्तेमाल का पता लगाया था जिसका कोई लेखा जोखा नहीं था. निर्वाचन आयोग की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि सीबीडीटी की रिपोर्ट के अनुसार किसी राजनैतिक दल की ओर से कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से धन का नकद में लेनदेन किया जा रहा था. हालांकि आयोग ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया है लेकिन खबरों के हवाले से पता लगा है कि सीबीडीटी की रिपोर्ट में कांग्रेस पार्टी का नाम है.
10 करोड़ से ज्यादा की नगदी हुई थी जब्त
बहरहाल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग ने कमलनाथ के करीबियों के यहां छापेमारी की कार्रवाई थी, जिसमें 10 करोड़ से ज्यादा की नगदी हुई जब्त हुई थी. इसमें कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़, राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा उनके बहनोई समेत 52 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई हुई थी. जबकि बरामद की गई नकदी का इस्तेमाल मध्य प्रदेश और दिल्ली में राजनीतिक चुनाव प्रचार के लिए खर्च होने की खबर थी. वहीं, चुनाव आयोग ने पूरे मामले में प्रकरण दर्ज कर तीन आईएएस अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई के दिए निर्देश दिया है. चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव को आदेशित किया है कि वह विभागीय एक्शन लेकर चीफ सेक्रेटरी और दूसरे आईएएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करे, जिनके नाम पूरे मामले में सामने आए हैं. जबकि चुनाव आयोग के आदेश से तत्कालीन मुख्य सचिव एसआर मोहंती की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
कमलनाथ ने नहीं लड़ा लोकसभा का चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ ने अपनी किस्मत नहीं आजमाई थी, क्योंकि तब वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. जबकि उन्होंने अपनी जगह बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा से मैदान में उतारा था. नकुलनाथ ने इस सीट पर 37536 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. आपको बता दें कि कमलनाथ छिंदवाड़ा सीट से आठ बार सांसद रहे हैं और एक बार उनकी पत्नी इस सीट से चुनाव जीती हैं.