भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं को लेकर कोई निश्चित फैसला नहीं होने कारण अभिभावक, शिक्षक व बच्चों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। दोनों की कक्षाओं में पूरी तरह जनरल प्रमोशन नहीं दिया जाएगा।
सोमवार को इसको लेकर स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदरसिंह परमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें आंतरिक मूल्यांकन या ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। हालांकि स्कूल शिक्षा मंत्री ने पहले ही स्पष्ट किया था कि जनरल प्रमोशन किसी भी हाल में नहीं देंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना के बढ़ते प्रकरणों के मद्देनजर 30 अप्रैल की बजाय जून के पहले सप्ताह से आयोजित करने का फैसला तो ले लिया है, लेकिन यह परीक्षाएं किस पद्धति से होंगी, अभी तक यह तय नहीं हो पाया है।
CBSC ने दसवीं की परीक्षा को रद्द कर आतंरिक मूल्यांकन के आधार पर मूल्यांकन करने के आदेश दिए हैं। अब प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग मप्र बोर्ड की कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं के आयोजन को लेकर मंथन कर रहा है, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ-साथ अभिभावकों और विद्यार्थियों को परीक्षा की चिंता सताने लगी है।
हालांकि विभाग सोमवार को इस संबंध में एक बैठक फिर आयोजित कर रहा है। इसमें मंत्री की उपस्थिति में विचार विमर्श किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि दसवीं में आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर मूल्यांकन और बारहवीं में ऑनलाइन पेपर देकर ओपन बुक पैटर्न पर कराने पर अंतिम फैसला लिया जाना है, लेकिन अभी इस बात पर भी असमंजस है कि दसवीं के आंतरिक मूल्यांकन के लिए परीक्षाएं या टेस्ट लिए गए हैं या नहीं। ज्ञात हो कि प्रदेश में कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूल पहले ही बंद हैं।
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए नौवीं से बारहवीं तक की वार्षिक व प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी बंद कर दी गई है। वहीं पहले के परीक्षा कार्यक्रम में दसवीं की परीक्षा 30 अप्रैल से बारहवीं की परीक्षाएं एक मई से आयोजित होनी थी। उन्हें जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। वहीं स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए जून में दसवीं व बारहवीं की परीक्षाएं जाएंगी। दोनों परीक्षाओं के संबंध में सोमवार को चर्चा की जाएगी।