किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाने के लिए शिवराज सरकार की नई व्यवस्था
भोपाल। मध्य प्रदेश में किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाने के लिए शिवराज सरकार नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इसके तहत फसल बीमा की अधिसूचना से लेकर भुगतान तक की पूरी जानकारी सॉफ्टवेयर में रहेगी। इससे न सिर्फ फसल बीमा के दोहराव को रोका जा सकेगा, बल्कि वास्तविक किसानों को लाभ मिलना भी सुनिश्चित होगा। फसल कटाई प्रयोग (उत्पादन में नुकसान के आकलन की प्रणाली) जिस खसरे का होगा, उसकी रिपोर्ट के आधार पर नुकसान की गणना भी सार्वजनिक की जाएगी।
इसके लिए कृषि विभाग मध्य प्रदेश एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (मैप आईटी) के साथ मिलकर काम कर रहा है। दो दौर की बैठक हो चुकी है और आगामी खरीफ फसल सीजन से व्यवस्था लागू की जा सकती है। प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सहायता देने का काम लगातार किया जा रहा है। इसमें किसानों द्वारा दो बैंकों से बीमा कराकर लाभ के लिए दावा करने जैसे मामले भी सामने आ रहे हैं।
नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल के माध्यम से ऐसे प्रकरणों पर कार्रवाई भी की जा चुकी है। ऐसा आगे न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार ने पूरी व्यवस्था को ही नए सिरे से तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अधिसूचना से लेकर बीमा भुगतान तक सब कुछ स्पष्ट होगा। किस हलके में कौन सी फसल को बीमा के लिए अधिसूचित किया गया है, यह काम राजस्व विभाग से डाटा लेकर किया जाएगा।
इसमें किसी हलके के छूटने की आशंका नहीं होगी। अभी प्रत्येक जिला अपनी-अपनी अधिसूचना जारी करता है। इसमें आमतौर पर यह बात सामने आती है कि कुछ क्षेत्र छूट गए हैं और फिर बाद में अधिसूचना जारी करनी पड़ती थी। इसमें विलंब होने पर किसान प्रीमियम राशि समय पर जमा नहीं करा पाते थे और उनके लिए सरकार को अलग से व्यवस्था बनानी पड़ती थी।
नई व्यवस्था में इस समस्या का समाधान हो जाएगा। एक बीमा हो जाएगा निरस्त यदि किसान ने दो बैंकों से एक ही भूमि के आधार पर बीमा करा लिया तो एक निरस्त हो जाएगा। अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक प्रदीप नीखरा ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में इसका प्रविधान है और ऐसे प्रकरणों में संबंंधित किसान के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।