नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, कोरोना महामारी के कारण नई शिक्षा नीति लागू करने में नहीं होगी देरी नई शिक्षा नीति को लागू करने में कोविड-19 महामारी के कारण देरी नहीं होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि नई शिक्षा नीति को पिछले वर्ष ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। यह 1986 में तैयार की गई 34 साल पुरानी शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति की जगह लेगी। नई नीति का लक्ष्य भारत को वैश्विक ज्ञान सुपरपावर बनाने के लिए स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी सुधार लाने का मार्ग प्रशस्त करना है। एक अन्य सवाल के लिखित उत्तर में निशंक ने बताया कि देश भर के 42 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में पेयजल सुविधा नहीं है। इसके अलावा 15 हजार स्कूलों के पास शौचालय नहीं है।
बीते वर्ष 26 हजार से ज्यादा भारतीय वेबसाइट हैक
इलेक्ट्रानिक एवं आइटी राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि सीईआरटी-इन के आंकड़े के मुताबिक, 2020 के दौरान 26,100 से ज्यादा भारतीय वेबसाइट हैक हुई। राज्यसभा सदस्य आनंद शर्मा के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने 2020 में इंटरनेट सेवा निलंबित करने का कोई आदेश जारी नहीं किया था।
पिछले साल 33.42 लाख शिकायतें मिलीं
कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने एक लिखित उत्तर में कहा कि 2020 में सरकार को 33.42 लाख लोक शिकायतें मिलीं। इनमें से 23.19 लाख का निस्तारण कर दिया गया है। एक अन्य सवाल के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2020 तक की सूचना के मुताबिक, सीबीआइ के पास 1,117 मामले जांच के लिए लंबित हैं। इनमें से 18 मामले सात साल से ज्यादा पुराने हैं।