विदिशा। जिले में कोरोना मरीजों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना औसतन 15 मौतें हो रही हैं। हालत ये है कि मेडिकल कॉलेज में शवों की लाइन लग जाती है और शवों को श्मशान तक ले जाने लगे वाहनों को इकट्ठे तीन से चार शवों को श्मशान तक ले जाना पड़ रहा है। इस जल्दबाजी में शवों के साथ अमानवीयता भी सामने आ रही है।
शुक्रवार को श्मशान लेजाने की इसी जल्दबाजी में एक संक्रमित का शव चलते वाहन से नीचे सड़क पर गिर गया। गनीमत ये रही मृतक के परिजन पीछे ही चल रहे थे उन्होनें शांति वाहन के ड्राइवर को आवाज देकर रोका। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे नगर पालिका कर्मचारी शांति शव वाहन में शवों काे श्मशान लेकर जा रहे थे तभी मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट से निकलते समय मोड़ पर अचानक शांति वाहन का साइड वाला छोटा दरवाजा खुल गया।
अंदर से एक शव निकलकर बाहर सड़क पर गिर गया। लोगों ने ड्राइवर को आवाज लगाई, मौके पर भीड़ जमा हो गई। पुलिस भी पहुंची और लोगों को दूर किया। नपा कर्मचारियों ने शव को स्ट्रेचर पर रखकर उसे फिर से वाहन में रखा और ले गए।
दरअसल मेडिकल कॉलेज से मरने वाले संक्रमित लोगों के शवों को श्मशान तक ले जाने के लिए केवल दो ही शव वाहन उपलब्ध हैं। एक वाहन नगर पालिका का और दूसरा वाहन रक्त सहायता सेवा समिति द्वारा सेवा के लिए दिया गया है। दोनों ही वाहनों की हालत खराब हो रही है। इन वाहनों से रोजाना विदिशा सहित सांची के श्मशान तक शवों को पहुंचाया जाता है। शुक्रवार को ही दोपहर दाे बजे तक 16 लोगों के शवों को मेडिकल कॉलेज से श्मशान तक पहुंचाया गया था।