नई दिल्ली। रामनाथ कोविंद भारत के 14वें राष्ट्रपति बन चुके हैं। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने उन्हें शपथ ग्रहण करवाई। शपथ के बाद अपने पहले संबोधन में उन्होंने पद ग्रहण करते हुए कहा कि मैं देश के 125 करोड़ लोगों का आभार जताता हूं। मैं एक मिट्टी के घर में पला हूं और आज इस पथ पर बढ़ने वाला हूं जिस पर डॉ. राधाकृष्णन, डॉ. अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी जैसी विभूतियां चलीं हैं।
हमें भरोसा है कि यह भारत की सदी है, हमें ऐसा भारत बनाना है जो आर्थिक नेतृत्व दे। राष्ट्र निर्माण का आधार है राष्ट्रीय गौरव। हमें गर्व है देश के प्रत्येक नागरिक पर, हमें गर्व है हर छोटे से छोटे काम पर जो हम करते हैं। आज पूरे विश्व में भारत का महत्व, विश्व समुदाय अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के लिए हमारी ओर देख रहा है। विविधता ही हमारे देश की ताकत है। हम अलग हैं फिर भी एक हैं। इस देश के राष्ट्र निर्माता किसान, जवान, युवा पुलिस और वैज्ञानिक, शिक्षक हैं। हमें गांधी जी और दीनदयाल उपाध्याय के सपनों के भारत का निर्माण करना है।
इससे पहले कोविंद, प्रणब मुखर्जी से मुलाकात के बाद संसद भवन पहुंचे। उनके शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राज्यसभा के सभापति, लोकसभा अध्यक्ष, मंत्रि परिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्यों के अलावा कोविंद के परिजन भी संसद के सेंट्रल हॉल में मौजूद रहे।
शपथ के बाद रामनाथ कोविंद प्रणब मुखर्जी की कुर्सी पर बैठेगे जबकि प्रणब दा कोविंद की कुर्सी पर। इसके बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। सेंट्रल हॉल में समारोह सम्पन्न होने पर राष्ट्रपति भवन के लिए प्रस्थान करेंगे, जहां प्रांगण में सेना के तीनों अंगों द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया जाएगा और सेवा-निवृत हो रहे राष्ट्रपति को भी सौहार्दपूर्ण शिष्टाचार प्रदान किया जाएगा।