धर्म डेस्क। भगवान श्रीकृष्ण को तस्वीरों और मूर्तियों में हमने कई बार देखा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका रंग सांलवा (कहीं-कहीं नीला) क्यों है? जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, तब उनके शरीर का रंग सामान्य मनुष्य की तरह ही था, लेकिन ऐसा क्यों हुआ? क्यों उन्हें श्याम पुकारा जाता है?
ये हैं दो पैराणिक कथाएं
1. जब श्रीकृष्ण बचपन में अपने ग्वाल सखाओं के साथ नदी किनारे गेंद से खेल रहे थे, तभी गेंद नदी में जा गिरी थी। गेंद निकालने के लिए कान्हा नदी में उतर गए थे। वहां उनकी भिड़ंत कालिया नाग से हो गई। कहा जाता है कि कालिया नाग के विष के प्रभाव से ही उनके शरीर का रंग श्याम हो गया था।
2. श्रीकृष्ण ने बचपन में पूतना का स्तनपान किया था। पूतना राक्षसी थी, जिसको कंस ने कृष्ण को मारने के लिए भेजा था। लेकिन कृष्ण ने पूतना का वध कर दिया, लेकिन स्तनपान करने से उनके शरीर का रंग श्याम वर्ण का हो गया था।
कान्हा के तीन बड़े रहस्य
1. यहां आज भी आते हैं राधा-कृष्ण, रचाते हैं रास: वृंदावन में निधिवन है। यह स्थान बेहद पवित्र, धार्मिक और रहस्यमयी है। मान्यता है कि निधिवन में आज भी हर रात कृष्ण गोपियों संग रास रचाते हैं। यही कारण है कि निधिवन को संध्या आरती के बाद बंद कर दिया जाता है। उसके बाद वहां कोई नहीं रहता है। यहां तक कि निधिवन में दिन में रहने वाले पशु-पक्षी भी संध्या होते ही निधिवन को छोड़कर चले जाते हैं।
2.राधारानी और कृष्ण की उम्र में था इतना अंतर: राधारानी श्रीकृष्ण से उम्र में बहुत बड़ी थी। लगभग 6 साल से भी ज्यादा का अंतर था। श्रीकृष्ण ने 14 वर्ष की उम्र में वृंदावन छोड़ दिया था।। बताते हैं कि उसके बाद वे राधा से कभी नहीं मिले।
3.कृष्ण ने ही दुनिया को दिया मार्शल आर्ट: मार्शल आर्ट युद्ध कला है। कहते हैं कि इसका प्रयोग सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण ने किया था। तब इसे कलरीपायट्टू कहा जाता था। श्रीकृष्ण ने चाणूर और मुष्टिक जैसे दैत्यों का वध इस तरह किया था।