हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय शुक्ला की डिवीजन बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत चुनाव आयोग को यह संवैधानिक अधिकार है कि वह चुनाव कब और कैसे कराए. यह फैसला चुनाव आयोग ही करेगा कि उसे कब चुनाव कराने हैं. इस मामले में हाईकोर्ट हस्तक्षेप नहीं करेगा.
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका खत्म होने पर ही होंगे चुनाव
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से जवाब पेश कर दिया गया है. आयोग ने कोर्ट में कहा कि एमपी में 3 विधानसभा जिसमें पृथ्वीपुर, जोबट और राजगढ़ और 1 खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए गाइडलाइन जारी की जा चुकी है. आयोग पहले ही हाईकोर्ट को साफ कर चुका है कि वो तीसरी लहर की आशंका खत्म होने के बाद ही एमपी में चुनाव कराएगा. वहीं बता दें कि हाल ही में राज्य सरकार की ओर से निर्वाचन आयोग में कहा गया है कि फेस्टिवल सीजन के बाद ही चुनाव कराए जाएं.
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने लगाई थी याचिका
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में 1 लोकसभा और 3 विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं. विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जाहिर की है. अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि स्थानीय चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने अंडरटेकिंग दी है कि कोरोना की तीसरी लहर का जमीनी आकलन करने के बाद ही चुनाव कराए जाएंगे. केन्द्रीय चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने जवाब पेश किया था.