मुख्यमंत्री चौहान अपने निवास पर सड़कों से संबंधित विभागों की समीक्षा की । लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव बैठक से वर्चुअली जुड़े। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखिलावन पटेल, लोक निर्माण विभाग राज्य मंत्री सुरेश धाकड़, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
खराब सड़कों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को जमकर नाराज हुए। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में सड़कों की मरम्मत का कार्य समय-सीमा में किया जाए। सड़कों की मरम्मत में संबंधित एजेंसी एवं ठेकेदार किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करें। कार्यों में विलंब होने पर संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी नियमित रूप से सड़कों की मानिटरिंग करें। जन-भावनाओं के अनुरूप सड़कें युद्ध स्तर पर ठीक कराई जाएं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सड़कों की स्थिति बेहतर रखने के लिए अधिकारी सड़कों पर रहें और सतत रूप से निरीक्षण करें। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़कों की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि सड़कों पर गड्डे न दिखें। मरम्मत और पैच वर्क तेजी से करें। रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्टम का बेहतर उपयोग करें।
मुख्यमंत्री चौहान ने नगरीय विकास विभाग की सड़कों की समीक्षा के दौरान कहा कि रणनीति में बुनियादी परिवर्तन कर सड़कों के रख-रखाव पर अधिक ध्यान दिया जाए। सभी शहरों की सड़कें अच्छी हों, जिससे नागरिकों को संतोष हो। नये सीमेंट-कंक्रीट रोड बनाए जाएं, जो अधिक समय तक चल सकें। निकायों की खराब सड़कों की मरम्मत के लिए लगभग 850 करोड़ रुपये राशि की आवश्यकता होगी। कायाकल्प अभियान में सड़कों की मरम्मत की जाएगी। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि सड़कों की मरम्मत के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अच्छी सड़कें बनें, इस बात का विशेष ध्यान दें। सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता से करें। मरम्मत कार्य के लिए सोच-समझकर रणनीति बनाई जाए।