Indore News: इंदौर । महामारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा तो टीकाकरण अभियान सघन रूप से चलाया ही जा रहा है साथ ही लोग भी इसके प्रति जागरूक हो गए हैं। फिर भी एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो अभी भी टीकाकरण के लिए इंतजार कर रहा है। यह वह वर्ग है जो गंभीर बीमारी के चलते टीकाकरण केंद्र तक जाने में असमर्थ है। गंभीर रोग से जूझने वालों को भी कोरोना महामारी से बचाव का टीका लगाया जा सके। इसके लिए शहर की युवती ने मुहिम छेड़ी है।
जो युवती खुद गत वर्ष से कैंसर से जूझ रही है उसने अपनी तरह और भी रोगियों के हित में यह पहल की है। इसमें मांग की है कि बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में टीकाकरण अभियान उन तक भी पहुंचाया जाए जो गंभीर रोग के चलते टीकाकरण केंद्र तक नहीं पहुंच सकते। यह पहल की है शहर की युवती व समाजसेविका पंखुरी किरण प्रकाश ने।
पंखुरी किरण प्रकाश ने इंटरनेट मीडिया को माध्यम बनाकर हस्ताक्षर अभियान चलाया है जिसमें वे लोगों से हस्ताक्षर कराकर इस बात के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रही हैं कि गंभीर रोग से जूझने वालों तक टीकाकरण की सुविधा पहुंचाई जा सके।
पंखुरी ने यह आवेदन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी, विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक प्रियंका दास को भी मेल की है। अब वे इस बारे में स्थानीय प्रशासन और सांसद से भी चर्चा करने जा रही हैं कि गंभीर रोगियों के पास तक टीकाकरण की सुविधा पहुंचाई जाए।
पंखुरी बताती हैं कि उनका चयन जब चेंज डाट आर्ग में हुआ तो उन्हें समाज के हित में कुछ कार्य करने के लिए कहा गया। चूंकि मैं जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए तो पहले से कार्य करती आ रही थी इसलिए उसके अतिरिक्त कुछ कार्य करने का मन हुआ।
उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर से ग्रसित होने के कारण मैंने इसी दिशा में कार्य करने का निर्णय लिया और आनलाइन अभियान चलाया । मैंने शोध में यह पाया कि महामारी के दौरान उन लोगों की मौत ज्यादा हुई जो पहले से किसी गंभीर रोग से ग्रसित थे। कई रोगी ऐसे हैं जो बिस्तर से उठ भी नहीं सकते ऐसे में उनका टीकाकरण अभी तक नहीं हुआ जबकि गंभीर रोग से ग्रसित होने के कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और उन्हें टीकाकरण की ज्यादा आवश्यकता होती है। यदि इस दिशा में ध्यान दिया जाए तो महामारी के कारण होने वाली मौतों पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है।