अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के बनासकांठा में जलप्रलय के हालात का जायजा लेने पहुंचे।
अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पहले उनहोंने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित मंत्री व अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की जिसमें राजस्व अधिकारियों ने पीएम को एक पावर पॉइन्ट प्रजेंटेशन के जरिए जिले की स्थिति से अवगत कराया।
मोदी फिर हेलीकॉप्टर से बनासकांठा के हवाई सर्वेक्षण के लिए रवाना हो गए। पीएम ने बाढ़ में मारे गए लोगों के परिवार को 2 लाख रुपये और घायल हुए लोगों को 50 हजार रुपये के मुआवजे का एलान भी किया है।
उत्तर गुजरात में भारी बारिश तथा दक्षिणी राजस्थान में जलप्रलय के हालात के चलते गुजरात के बनासकांठा, पाटण, साबरकांठा, अरावली व सुरेंन्द्रनगर जिले के सैकडों गांव टापू बन गए हैं।
बनासकांठा के धानेरा, थराद, डीसा, राधनपुर, टटोडा अधिक प्रभ्वित हैं वायूसेना के हेलीकॉप्टर, बीएसएफ, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम के अलावा कई समाज सेवी संस्थाएं भी राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई है लेकिन लगातार बरसात व आगामी 48 घंटे में भारी वर्षा की मौसम विभाग की चेतावनी के चलते सरकार व प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं।
पिछले दो दिन से प्रधानमंत्री कार्यालय भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं, पीएम मोदी सीएम रुपाणी से पल पल की खबर ले रहे थे। राज्य के 203 में से 38 बांध खतरे के निशान पर हैं वहीं 8 और बांध को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे हालात के बाद मोदी ने हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लेने का फैसला किया।
राज्य में अब तक 80 लोगों की तथा एक हजार मवेशियों की मौत हो चुकी है। फसलों के नुकसान का सैटेलाइट सर्वे होगा, उत्तर गुजरात में सवा लाख हेक्टेयर मूंगफली की बुवाई पानी के कारण चौपट हो गई है।
बनासकांठा के एरियल व्यू के लिए प्रधानमंत्री शाम करीब छह बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से हेलीकॉपटर के जरिए रवाना हुए। उनके साथ मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल व राजस्व मंत्री भूपेंद्रसिंह चूडास्मा भी वहां पहुंचे।
सीएम ने एक दिन पहले ही बनासकांठा पहूंचकर अधिकारियों से राहत कार्य की जानकारी ली व आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। राज्य में अब तक मानसून की 66 फीसदी वर्षा हो चुकी है। अकेले उत्तर गुजरात में सवा लाख्हेक्टेयर में मूंगफली की बुवाइईकी गई थी जो अब बर्बाद हो गई है।
पीएम ने केन्द्र से हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। पीएम ने अधिकारियों से नर्मदा बांध पर भी जानकारी ली, नर्मदा बांध में पानी का स्तर 117,78 मीटर तक तक पहुंच गया है, बांध्की उऊंचाई 138 मीटर से अधिक है।
लेकिन राज्य के अन्य 50 बांध लबालब हो जाने से प्रशासन ने हाई अलर्ट कर दिया है वहीं मच्छू डेम के टूटने की अफवाह से भी जनता में घबराहट फेल गई जिस पर उपमुख्यमंत्री पटेल ने कहा है कि सभी बांध सुरक्षित हैं सोशियल मीडिया पर किसी तरह की अफवाह नहीं फैलाएं व ना ही ऐसी सूचना पर घबराएं।
सुरेन्द्रनगर के लीम्बडी में चारों ओर बाढ के पानी से घिरे एक गांव से सगर्भा को गांव वालों ने देशी जुगाड करके गांव से निकाला, ड्रम से पलंग को बांधकर नाव बनाकर सगर्भा का गांव से बाहर निकाला तथा ट्रेक्टर के जाकर पास के गांव अस्पताल पहुंचाया।
चोटीला में भारी बरसात के कारण इस गांव में पानी भर गया जिससे रास्ते व सडकें सब पानी में डूब गई। कमर तक पानी भरे हुए गांव से सगर्भा महिला को निकालने के लिए प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं पहूंच सकी जिसके बाद गांव वालाो ने यह तरीका अपनाया।