गुल हो सकती है आपके घर की भी बिजली, देश मे इस वजह से बढ़ रहा संकट

गुल हो सकती है आपके घर की भी बिजली, देश मे इस वजह से बढ़ रहा संकट

Coal Shortage: भारत कोयला संकट गहरा गया है। राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में हालात गंभीर होने लगे हैं। टाटा पावर की इकाई ने अपने ग्राहकों को बिजली का ध्यानपूर्वक उपयोग करने के लिए एसएमएस भेजा है। बता दें टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड मुख्य रूप से उत्तर पश्चिमी दिल्ली में काम करती है।

मध्य प्रदेश में भी कोयले की कमी से बिजली की सप्लाय पर असर पड़ने का खतरा

देश के कई अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में भी कोयले की कमी से बिजली की सप्लाय पर असर पड़ने का खतरा पैदा हो गया है। गुरुवार शाम तक बिजली संयंत्रों के लिए एक दिन का ही कोयला बचा था। कई बिजली संयंत्रों में उत्पादन रोक दिया गया है या उनमें पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं हो रहा है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि कोल इंडिया को बकाया पैसों के भुगतान की व्यवस्था कर ली गई है और प्रदेश में बिजली की कमी नहीं होने दी जाएगी, लेकिन नवरात्रि के दौरान इसकी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

मंत्री का आश्वासन, सप्लाय में दिक्कत नहीं होगी
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भरोसा दिया है कि कोयले की कमी से थर्मल पावर प्लांट की कोई भी यूनिट बंद नहीं होने दी जाएगी। कोल इंडिया को बकाया राशि के भुगतान के लिए व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कोयले का संकट पूरे देश में है, लेकिन बिजली सप्लाई की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।

 

उधर टाटा पावर (डीडीएल) ने शनिवार को दिल्ली के अपने ग्राहकों को एसएमएस भेजे हैं। जिसमें कहा कि बिजली उत्पादन संयंत्रों में सीमित कोयले की उपलब्धता है। जिस कारण दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे के बीच बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर स्तर पर है। कृपया विवेकपूर्ण तरीके से इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल करें। एक जिम्मेदार नागरिक बनें। असुविधा के लिए खेद है।

बीएसईएस राजधानी, बीएसईएस यमुना और बिजली वितरकों के पास कथित तौर पर पर्याप्त मात्रा में ईंधन है। इसलिए अभी तक उनकी ओर से कोई संदेश नहीं भेजा गया है। इधर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. जगन मोहन रेड्डी ने ऊर्जा संकट के कारण राज्य में खतरनाक स्थिति को देखते हुए। पीएम मोदी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। कोयले की कमी और बिजली वितरण कंपनियों के खराब वित्त पर चिंता व्यक्त करते हुए। उन्होंने उपचारात्मक उपाय शुरू करने और दैनिक आधार पर बिजली उत्पादन परिदृश्य की निगरानी करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सीएम रेड्डी ने कहा कि प्रदेश के लिए ऊर्जा की मांग को पूरा करना कठिन होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनिश्चित वित्तीय स्थिति को देखते हुए, वह खुले बाजार से आवश्यक बिजली की खरीद करने में सक्षम नहीं है क्योंकि बढ़ती मांग के साथ खरीद मूल्य भी बढ़ गया

Exit mobile version