पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भाजपा अपने लिए सत्ता की सीढ़ी मानती रही है। कमल नाथ सरकार की अस्थिरता के समय जब वे विधायकों को मनाने बंगलुरु गए थे, तब कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। अब उन्हें अस्थिरता के दौर से गुजर रही राजस्थान सरकार के संकट को सुलझाने के लिए पार्टी ने जयपुर भेजा है। इसे लेकर भाजपा नेता और शिवराज सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन पर तंज कसते हुए कहा कि जहां-जहां संत मट्ठा को जाएं, भैंस-पाड़ा दोऊ मर जाएं। दिग्विजय सिंह को लेकर कांग्रेस में भी कई नेता दबी जुबान से असंतुष्ट रहते हैं।
.@digvijaya_28 जी जहां भी जाते हैं वहां बंटाधार ही करके आते हैं,अब देखना होगा कि अगर वो राजस्थान जा रहे तो वहां क्या होता है? pic.twitter.com/WeT0dxZ3rA
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) September 30, 2021
उन पर आरोप लगते रहे हैं कि गोवा में 2017 में सरकार बनाने के दावे को पेश करने से उन्होंने ही रोक दिया था। हाल ही में गोवा के एक नेता ने कांग्रेस हाईकमान को लिखे पत्र में भी इस बात का जिक्र किया था राहुल गांधी के नेतृत्व संभालने पर दिग्विजय सिंह कमजोर पड़ गए थे, लेकिन उनके अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने और सोनिया गांधी के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद फिर वे सशक्त हुए थे। हालांकि भाजपा अकसर ही उनके बयानों को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ती रही है और अकसर उसे फायदा भी मिलता दिखा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भोपाल सीट से दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा सिंह को मैदान में उतारा था और उन्हें हार सामना करना पड़ा था।
नेताओं को सलाह दी कि अगर वे राजनीति की दुनिया में टिके रहना चाहते हैं तो उनकी चमड़ी मोटी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेताओं को अकसर आलोचना का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मोटी चमड़ी के नेता ही टिक सकते हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने बुधवार को एक कार्यक्रम में प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि वह मीडिया को झुकाने के लिए विज्ञापन देने की अपनी नीति को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करती है। सिंह ने कहा, ‘जब तक आप मोटी चमड़ी वाले नहीं हैं, तब तक आप राजनीति नहीं कर पाएंगे।’