छतरपुर में मंगलवार की दोपहर शहर के यातायात थाने के सामने RTO के खिलाफ एक 20 वर्षीय ने आधे घंटे तक जमकर हंगामा किया। युवक सड़क पर लेटकर गाड़ियों को रोक रहा था। मरने की धमकी दे रहा था और फिर दौड़कर यातायात थाने के भीतर जाकर आत्महत्या की कोशिश करने लगा।
युवक द्वारा किए गए इस हाईवोल्टेज ड्रामे को जब पुलिस ने समझा तो पता लगा कि युवक पिछले तीन दिनों से हो रहे घटनाक्रमों के कारण बुरी तरह व्यथित है। बाद में पुलिसकर्मियों ने उसे ढांढस बंधाया और मदद करने का भरोसा देकर थाने से रवाना किया।
ग्राम भगवंतपुरा का निवासी अनिल राजपूत शहर के नजदीकी ग्राम पठापुर में रहता है और टैक्सी चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। पिछले दिनों आरटीओ के द्वारा चलाए गए चैकिंग अभियान के दौरान उसकी टैक्सी पकड़ ली गई थी। वह टैक्सी को छुड़वाने के लिए आरटीओ दफ्तर में साहब को खोजता रहा, लेकिन उसे कोई नहीं मिला।मगलवार की दोपहर शहर के यातायात थाने के सामने एक 20 वर्षीय ने आधे घंटे तक जमकर हंगामा किया। युवक सड़क पर लेटकर गाड़ियों को रोक रहा था। मरने की धमकी दे रहा था और फिर दौड़कर यातायात थाने के भीतर जाकर आत्महत्या की कोशिश करने लगा। युवक द्वारा किए गए इस हाईवोल्टेज ड्रामे को जब पुलिस ने समझा तो पता लगा कि युवक पिछले तीन दिनों से हो रहे घटनाक्रमों के कारण बुरी तरह व्यथित है। बाद में पुलिसकर्मियों ने उसे ढांढस बंधाया और मदद करने का भरोसा देकर थाने से रवाना किया।
इसी दौरान उसके पिता की तबियत खराब हुई जब वह पिता को लेकर अस्पताल पहुंचा तो हृदयाघात के कारण उनकी मौत हो गई। दो दिन पहले पिता की मौत से दुखी अनिल एक बार फिर टैक्सी के लिए आरटीओ दफ्तर पहुंचा तो उसे आरटीओ विक्रम सिंह नहीं मिले।
इसी बात से दुखी अनिल राजपूत ने मंगलवार को अपनी मां और छोटे भाई-बहिनों के साथ यातायात थाने के सामने पहुंचकर जमकर हंगामा किया। उसने सड़क पर लेटकर मरने की धमकी दी, रो-रो कर अपनी पीड़ा सुनाई और कहा कि वह सिस्टम के द्वारा परेशान किया जा रहा है। उसने सड़क से दौड़कर थाने के भीतर आत्महत्या की कोशिश की जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ा!