जर्मन एथलीट ने बोला नीरज मुझे छू भी नहीं पाएगा, वह 3 थ्रो के बाद बाहर हो गया; गावस्कर ने कमेंट्री छोड़ जश्न मनाया
जर्मन एथलीट ने बोला नीरज मुझे छू भी नहीं पाएगा, वह 3 थ्रो के बाद बाहर हो गया; गावस्कर ने कमेंट्री छोड़ जश्न मनाया
जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने अपने पहले ही ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीत लिया है। फाइनल में नीरज ने 87.58 मीटर का थ्रो किया। इसके आसपास भी कोई खिलाड़ी नहीं भटक सका। जेवलिन में पूर्व वर्ल्ड चैंपियन जर्मनी के जोहानेस वेटर ने नीरज को ओलिंपिक से पहले चुनौती दी थी।
वेटर ने कहा था कि नीरज अच्छे हैं। फिनलैंड में उनका भाला 86 मीटर की दूरी तय कर सका, लेकिन ओलिंपिक में वे मुझे पीछे नहीं छोड़ पाएंगे। पर नीरज ने सिर्फ उन्हें पीछे ही नहीं छोड़ा, बल्कि गोल्ड अपने नाम किया। जर्मन खिलाड़ी तो 3 राउंड के बाद बॉटम-3 में रहने की वजह से डिस्क्वालिफाई हो गए।
इसके बाद नीरज ने पूरे देश को जश्न मनाने का मौका दे दिया है। सिर्फ देश के लोगों को ही नहीं, बल्कि ट्रेंट ब्रिज में चल रहे भारत-इंग्लैंड टेस्ट में भी इस जीत का जश्न मनाया गया। सुनील गावस्कर समेत तमाम पूर्व क्रिकेटर नीरज का मैच देखते मिले। उन्होंने जश्न भी मनाया। भारत के लिए यह अब तक का सबसे सफल ओलिंपिक बन गया है। 2012 लंदन ओलिंपिक में भारतीय दल ने 6 मेडल जीते थे। जबकि टोक्यो ओलिंपिक में 7 मेडल जीते हैं।
नीरज चोपड़ा को इतिहास रचता हुआ देखते भारत के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर। वे फिलहाल भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए कमेंट्री कर रहे हैं।
जोहानेस वेटर ने ओलिंपिक से पहले कहा था कि नीरज को उन्हें हराना मुश्किल होगा, पर नीरज ने शब्द की जगह अपने प्रदर्शन से जवाब दिया।
वेटर पहले राउंड में 82.52 मीटर का थ्रो कर सके। दूसरा और तीसरा थ्रो फाउल रहा। इसके बाद उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया।
नीरज ने पहले थ्रो में 87.03 मीटर दूर भाला फेंका। वे इस थ्रो के बाद ही काफी कॉन्फिडेंट दिख रहे थे। नीरज पहले थ्रो के बाद ही समझ गए थे कि इस पर कोई न कोई मेडल जरूर आएगा।
हालांकि इसके बाद भी नीरज ने कोशिश नहीं छोड़ी और दूसरे थ्रो में और बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने दूसरे थ्रो में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका।
नीरज चौथे और 5वें राउंड के बाद खुश नहीं दिखे थे। उन्होंने इन दोनों राउंड में फाउल थ्रो किया। हालांकि इससे उनके लीड पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
नीरज के थ्रो से ही इवेंट समाप्त हुआ। छठे राउंड में नीरज ने 84 मीटर दूर भाला फेंका। यह इस इवेंट का लास्ट थ्रो रहा। नीरज ने अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखवा लिया।
पाकिस्तान के अरशद नदीम क्वालिफिकेशन राउंड में अपने ग्रुप में टॉप पर रहे थे। पर फाइनल में वे नीरज को टक्कर नहीं दे सके और 5वें नंबर पर रहे।
तिरंगे के साथ भारत के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा। 2016 में उन्होंने इंडियन आर्मी जॉइन की थी और आज एक सैनिक की तरह भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
नीरज के अलावा 86.67 मीटर थ्रो के साथ चेक के जाकुब वेदलेच दूसरे और 85.44 मीटर के थ्रो के साथ चेक के ही वितेस्लाव वेसेली तीसरे नंबर पर रहे।
पोडियम पर गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा। एथलेटिक्स में वे ऐसा करने वाले पहले भारतीय हैं। नीरज ने ओलिंपिक गेम्स में 13 साल बाद भारत को किसी इवेंट में गोल्ड मेडल दिलाया।
भारत ने एथलेटिक्स में पहला गोल्ड मेडल जीता है। नीरज ने ओलिंपिक के एथलेटिक्स इवेंट में 121 साल के सूखे को खत्म किया।
इवेंट के बाद नीरज ने तिरंगा ओढ़कर जश्न मनाया। भारत का यह टोक्यो ओलिंपिक में आखिरी इवेंट था और नीरज ने इसका स्वर्णिम अंत किया।