जांच में पुलिस कर्मी से मारपीट मामले में राजगढ़ की चर्चित कलेक्टर निधि निवेदिता पर आरोप सही!

जांच में पुलिस कर्मी से मारपीट मामले में राजगढ़ की चर्चित कलेक्टर निधि निवेदिता पर आरोप सही!


भोपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी एवं राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट करने के मामले में दोषी पाई गई है। इस जांच के बाद डीजीपी वीके सिंह ने गृह विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर मांग की है कि कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए नहीं तो पुलिस बल का मनोबल टूट जाएगा।

SDOP की जांच में कलेक्टर निधि निवेदिता दोषी पाई गई

राजगढ़ के ब्यावरा में 19 जनवरी को CAA के समर्थन में हुई रैली के दौरान ड्यूटी पर तैनात एएसआई नरेश शर्मा ने शिकायत की थी कि कलेक्टर मैडम ने उन्हें थप्पड़ मारा। एएसआई ने शिकायत में बताया था कि दोपहर 1 बजे वे ड्यूटी पर तैनात थे। उसी दौरान कलेक्टर मैडम आईं और उन्होंने गाड़ी का गेट खोलकर उसे थप्पड़ मार दिया। कलेक्टर के इस व्यवहार से वह बहुत आहत हैं। इस शिकायत की जांच SDOP सौम्या अग्रवाल ने की। जांच में शिकायत सही पाई गई। यह जांच रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेजी गई थी।

DGP ने प्रमुख सचिव को पत्र लिख कार्रवाई की मांग की

डीजीपी वीके सिंह ने इस जांच रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय के प्रमुख सचिव को को पत्र लिखा है। डीजीपी वीके सिंह ने लिखा है कि राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि यह रिपोर्ट सरकार के पास पहुंच गई है। ऐसे मामलों में पुलिस सीधे FIR दर्ज कर सकती थी परंतु इस मामले में आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी है इसलिए पत्र लिखा गया है।

आईएएस एसोसिएशन ने चुप्पी साधी 

राजगढ़ में कलेक्टर निधि निवेदिता द्वारा भाजपा नेताओं के साथ की गई मारपीट के बाद जब भारतीय जनता पार्टी ने उनके खिलाफ विरोध में सभा का आयोजन किया तब मंच से एक पूर्व मंत्री ने आपत्तिजनक बयान दिया था। इस बयान के तत्काल बाद आईएएस एसोसिएशन ने कलेक्टर के समर्थन में मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा था। अब जबकि कलेक्टर, पुलिस की जांच में दोषी पाई गई है तब आईएएस एसोसिएशन की तरफ से कोई बयान नहीं आया। 

मामला क्या है 

मध्यप्रदेश के राजगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के सांसद रोडमल नागर ने 19 जनवरी 2020 को नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया था। कलेक्टर निधि निवेदिता ने सारी तैयारियां हो जाने के बाद 16 जनवरी को रैली को परमिशन देने से मना कर दिया। बहस के दौरान कलेक्टर निधि निवेदिता ने इस मामले को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया। रैली को रोकने के लिए धारा 144 लगा दी गई इसके बावजूद जब 19 जनवरी को भाजपा के लोगों ने रैली निकाली तो कलेक्टर निधि निवेदिता ने उसे रोकने के लिए रैली में शामिल नेताओं के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसी दौरान उन्होंने एक पुलिस अधिकारी को भी थप्पड़ मारा। खबर तो यह भी है कि उन्होंने एक पटवारी को चांटा मारा था लेकिन पटवारी ने शिकायत नहीं की। चौंकाने वाली बात यह है कि रैली को रोकने के लिए कलेक्टर ने पूरा बाजार बंद करा दिया था।
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