HOMEधर्म

जानिए पितृ पक्ष के दौरान क्यों नहीं किए जाते हैं शुभ कार्य

जानिए पितृ पक्ष के दौरान क्यों नहीं किए जाते हैं शुभ कार्य

जानिए क्यों ​नहीं किए जाते इन दिनों में शुभ काम

दरअसल हमारे पितर हमारे आदरणीय होते हैं. मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान वे हमारे बीच आते हैं. ऐसे में ये 15 दिन उनके प्रति आभार व्य​क्त करने और उनसे आत्मिक रूप से जुड़ने के लिए होता हैं. ऐसे में अपनी आदतों, शौक और शुभ कार्यों पर रोक लगाकर उनके प्रति अपना सम्मान और समर्पण प्र​दर्शित किया जाता है. ताकि पितर ये जान सकें कि उनके परिवार के लोग आज भी उनकी कमी को महसूस करते हैं. ​मान्यता है कि अपने प्रति अपने बच्चों का लगाव देखकर पितर उनसे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देकर जाते हैं.

 

क्यों किया जाता है तर्पण

कहा जाता है ​कि इन 15 दिनों के दौरान पितृलोक में जल की कमी हो जाती है. ऐसे में ​हमारे पूर्वज पृथ्वी लोक पर अपनों के बीच आते हैं. जब उनके वंशज तर्पण करते हैं, तो पितर तृप्त होते हैं और उनको शांति मिलती है. ऐसे में परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती है.

श्राद्ध के दौरान ध्यान रहे ये बातें

 श्राद्ध के दौरान पंडित या किसी मान्य व्यक्ति को भोजन कराया जाता है. मान्यता है कि ये भोजन सीधे पितरों तक पहुंचता है. ऐसे में उन माननीय को पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ भोजन कराएं.

– श्राद्ध के लिए सबसे उपर्युक्त समय सुबह से लेकर दोपहर 12:30 तक माना जाता है. इस समय तक भोजन खिला देना चाहिए.

 श्राद्ध के दौरान जब ब्राह्मण भोज करवाया जा रहा हो तो हमेशा दोनों हाथों से खाना परोसना चाहिए और ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए.

 श्राद्ध के दिन खाना बनाते समय शुद्धता का पूरा खयाल रखें. भोजन में प्याज और लहसुन जैसी चीजों का प्रयोग न करें. इसके अलावा जो सब्जियां जमीन के अंदर उगती हैं, उन्हें नहीं परोसना चाहिए.

– भोजन के बाद ब्राह्मण को सामर्थ्य के अनुसार वस्त्र या दक्षिणा देकर उनके पैर छूने चाहिए और आशीर्वाद लेना चाहिए.

Related Articles

Back to top button