मामला बिस्वनाथ जिले के बड़गांव चाय बागान का है। बोरगांग पुलिस चौकी प्रभारी की शिकायत पर यहां के श्रमिकों पर राष्ट्रीय सम्मान (संशोधन) अधिनियम की धारा 2 के तहत राष्ट्रध्वज के अपमान का मामला दर्ज किया गया है। शिकायत में आपत्ति ली गई कि झंडावंदन के दौरान श्रमिक लगातार नारेबाजी कर रहे थे और उन्होंने पूरे कपड़े भी नहीं पहने थे। ये राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है।
इस घटना में असम के चाय बागान के करीब 300 श्रमिकों ने खुले बदन झंडा फहराया था। श्रमिक प्रबंधन द्वारा चाय बागान बंद करने के फैसले का विरोध जाने और वित्तीय समझौते को लागू नहीं करने से नाराज हैं। उन्होंने खुले बदन ना केवल झंडावंदन किया बल्कि बागान प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेजाबी भी की थी। इधर एफआईआर के बावजूद पुलिस ने अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की है।
श्रमिकों का कहना है कि चाय बागान प्रबंधन ने पिछले साल अगस्त समझौता किया था कि श्रमिकों को 6 महीने के भीतर आर्थिक लाभ दिया जाएगा, लेकिन ये समझौता अब तक लागू नहीं किया गया। मजदूरों ने विरोध के बाद प्रबंधन ने 20 जुलाई को बगीचे को बंद कर दिया जो अब भी बंद है। श्रमिक हर साल बगीचे में स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाते रहे हैं लेकिन उन्होंने इस बारर बगीचे के बाहर ध्वज फहराया और प्रदर्शन भी किया।
इस पूरे मामले में क्षेत्रीय श्रम विभाग भी पहल कर रहा है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। विभाग ने पूरे मामले की रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। अब सरकार के स्तर पर ही कोई फैसला संभावित है।
क्या कहता है नियम
राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम की धारा 2 के तहत सार्वजनिक स्थान पर राष्ट्र ध्वज, संविधान या राष्ट्र सम्मान के प्रतीक चिह्नों को नुकसान पहुंचाया, जलाया या नष्ट करते हैं तो ये राष्ट्र सम्मान की अवमानना की श्रेणी में आता है। इसके दोषियों के लिए 3 साल की कैद की सजा का प्रावधान है।