चेन्नई। अन्नाद्रमुक समन्वयक एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने विधानसभा के उपनेता का पद ठुकरा दिया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता बने पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने उन्हें उपनेता बनाने की पेशकश की थी। अन्नाद्रमुक मुख्यालय में सोमवार को हुई बैठक में पार्टी के 66 में से 61 विधायकों ने पलानीस्वामी का समर्थन किया था।
पन्नीरसेल्वम ने विपक्ष के नेता पद के लिए धनपाल को चुना था, लेकिन वह असफल रहे
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता एवं विधायक ने कहा, ‘पन्नीरसेल्वम ने विपक्ष के नेता पद के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल का नाम बढ़ाने का प्रयास किया था, लेकिन वह असफल रहे। झल्लाहट में वह पार्टी मुख्यालय से बाहर निकल गए।’
जयललिता के निधन के बाद से अन्नाद्रमुक में आई दरार
अन्नाद्रमुक में यह दरार जयललिता के निधन और भ्रष्टाचार के आरोप में शशिकला के गिरफ्तार होने के समय से ही चल रही है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद समझौता हो गया था। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी दोनों नेताओं के साथ सीधी बातचीत की थी। अब पार्टी के सत्ता से बाहर होते ही दक्षिण तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक का वोट बैंक थेवर समुदाय दो हिस्सों में बंट गया है। यह समुदाय अन्नाद्रमुक और टीटीवी दिनाकरण की पार्टी एएमएमके के बीच विभाजित हो गया है।
केंद्र ने तीन भाजपा समर्थकों को पुडुचेरी विधानसभा में किया नामित
पुडुचेरी: केंद्र सरकार ने तीन भाजपा समर्थकों को पुडुचेरी विधानसभा में सदस्य नामित किया है। के. वेंकटेसन, वीपी रामलिंगम और आरबी अशोक बाबू को पुडुचेरी विधानसभा सदस्य के रूप में नामित किया गया है। गृह मंत्रालय ने उन्हें केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम 1963 के तहत केंद्र सरकार को प्रदत्त अधिकार के तहत नामित किया है। पुडुचेरी विधानसभा के लिए हुए चुनाव में ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस, भाजपा और अन्नाद्रमुक का गठबंधन सबसे ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रहा है।