अफगानिस्तान में तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया है। वहीं पंजशीर घाटी पर भी पूर्ण नियंत्रण का दावा संगठन कर रहा है। इधर पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के प्रमुख फैज हमीद ने काबुल का दौरा किया है। इससे भारत की चिंता बढ़ गई है। अफगानिस्तान की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस.जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हुईं।
तालिबान द्वारा सरकार के गठन को लेकर स्पष्टता नहीं हुई है। संगठन में दो नेताओं के बीच झड़प की खबरे भी सामने आई हैं। वहीं पिछले हफ्ते कतर में भारत के दूत दीपक मित्तल ने तालिबान के शीर्ष नेता से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगान धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफआतंकी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाए। साथ ही वां फंसे लोगों को कोई नुकसान ना हो।
इधर पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और अफगान नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ने तालिबान के पंजशीर घाटी पर नियंत्रण को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि घाटी में सड़क पर तालिबान ने कब्जा कर