कोरोना महामारी थमने का नाम नहीं ले रही है। मौजूदा हालात को देखकर आने वाले दिनों में संक्रमण में कमी के आसार नहीं हैं। सोमवार को साढ़े तीन लाख से अधिक नए संक्रमण सामने आए। इस बीच चिंतित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश जारी कर कहा है कि वे कोरोना मरीजों के उपचार की मौजूदा जरूरतों की पूर्ति करने के साथ-साथ अगले एक महीने की स्थिति का आकलन कर आवश्यक संसाधन तैयार रखें।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यों के लिए यह गाइडलाइन जारी की गई है। जिसमें मुख्य रूप से इस बात पर जोर दिया गया है कि जिस भी इलाके या जिले में संक्रमण दर 10 फीसदी से ज्यादा है, वहां कोरोना की रोकथाम के लिए व्यापक कदम उठाए जाएं। इसी एडवाइजरी में राज्यों से कहा गया है कि वे मौजूदा मरीजों को बेहतर उपचार के लिए आवश्यक प्रबंध करें। साथ ही अगले एक महीने की स्थिति का पूर्व आकलन करें और उसके अनुसार उपचार ढांचा तैयार करें। इसमें आक्सीजन युक्त बेड, आईसीयू बेड, एम्बुलेंस, अस्पताल आदि शामिल हैं। साथ ही राज्यों को क्वारंटीन सुविधाएं भी विकसित करने को कहा गया है।
अस्थायी अस्पताल बनाएं
राज्यों से कहा गया है कि वे अपने यहां उपलब्ध सभी किस्म की स्वास्थ्य सुविधाओं का इस्तेमाल सुनिश्चित करें। इनमें सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों, सार्वजनिक कंपनियों के अस्पतालों, रेलवे आदि की सुविधाओं का भी उपयोग सुनिश्चित करें। जरूरत के अनुसार अस्थायी अस्पतालों की भी स्थापना करें।
सख्त कदम उठाने का सुझाव
राज्यों को कहा गया है कि वह कोरोना व्यवहार का पालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाएं। बुखार के लक्षणों वाले सभी रोगियों की कोरोना जांच सुनिश्चित करें ताकि संदिग्ध मरीज छूटने नहीं पाएं। स्थिति के अनुसार छोटे या बड़े कंटेनमेंट जोन बनाएं और संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए उनमें कम से कम 14 दिन के लिए प्रतिबंध लागू रखें।
भयभीत नहीं हों
मंत्रालय ने कहा कि लोग भयभीत नहीं हो। कई लोग भय के कारण अस्पताल के बिस्तरों पर कब्जा जमाए पाए गए हैं। यह ठीक नहीं है। डॉक्टर की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती हों ताकि बेड ज्यादा गंभीर रोगियों को मिल सके। इसी प्रकार रेमडेसिविर को लेकर भी सरकार ने फिर आगाह किया है।