नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 10 जून 2021 को किसी दूसरे बैंक के एटीएम के जरिये होने वाले हर वित्तीय लेनदेन पर इंटरचेंज फीस (ATM Interchange Fees) को 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया है. किसी भी बैंक के ग्राहकों (Bank Customer) को हर महीने मिलने वाले फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन (Free ATM Transaction) के बाद ग्राहकों पर लगने वाले कस्टमर चार्जेस की अधिकतम सीमा (Customer Charges Ceiling) 20 रुपये से बढ़ाकर 21 रुपये कर दी गई है. इंटरचेंज फीस में की गई बढ़ोतरी 1 जनवरी 2022 से लागू होगी. बता दें कि बैंक ग्राहक हर महीने एटीएम से 5 बार फ्री ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.
क्या है इंटरचेंज फीस और कैसे होती है प्रभावी
अब समझते हैं कि एटीएम इंटरचेंज फीस है क्या और कैसे प्रभावी होती है.
अगर बैंक ‘ए’ का ग्राहक बैंक ‘बी’ के एटीएम से अपने कार्ड का इस्तेमाल कर पैसे निकालता है तो बैंक ‘ए’ को दूसरे बैंक को एक निश्चित शुल्क का भुगतान करना होता है. इसे ही एटीएम इंटरचेंज फीस कहा जाता है. कई साल से निजी बैंक और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स इंटरचेंज फीस को 15 रुपये से बढ़ाकर 18 रुपये करने की मांग कर रहे थे. दूसरे शब्दों में कहें तो फ्री लिमिट के बाद दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालना अब ग्राहकों को महंगा पड़ेगा. ये फैसला जून 2019 में भारतीय बैंकों के संगठन के मुख्य कार्यकारी की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया है.
RBI ने क्यों बढ़ाई एटीएम इंटरचेंज फीस
रिजर्व बैंक ने कहा है कि पिछली बार अगस्त 2012 में एटीएम इंटरचेंज फीस में बदलाव किया गया था. वहीं, ग्राहकों पर लागू शुल्क में अगस्त 2014 में संशोधन किया गया था. ऐसे में समिति की सिफारिशों की पड़ताल के बाद इंटरचेंज फीस और कस्टमर चार्जेस बढ़ाने का फैसला लिया गया है. आरबीआई ने बताया कि बैंकों व एटीएम ऑपरेटर्स पर पड़ने वाली एटीएम डिप्लॉयमेंट लागत और रखरखाव खर्च के साथ सभी हितधारकों व उपभोक्ताओं की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है. बता दें कि केंद्रीय बैंक ने वित्तीय और गैर-वित्तीय दोनों तरह के लेनदेन के लिए इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी की है. केंद्रीय बैंक ने गैर-वित्तीय लेनदेन के शुल्क को 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया है, जो 1 अगस्त 2021 से प्रभावी हो जाएगा. ये आदेश कैश रिसाइक्लर मशीन के जरिये होने वाले लेनदेन पर भी लागू होगा.