एक राज्य को दूसरे राज्य में ले जाने में और दुबारा रजिस्ट्रेशन कराने में लोगों को कई जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इसे देखते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर एक नया कानून लाने जा रहा है। परिवहन मंत्रालय के मुताबिक, जब किसी एक राज्य की गाड़ी को दूसरे राज्य में ले जाया जाएगा, तो उन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन ‘इन’ सीरीज में किया जाएगा। इस रजिस्ट्रेशन से गाड़ियों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना आसान हो जाएगा और दुबारा रजिस्ट्रेशन का कोई झंझट नहीं रहेगा। और लोग आसानी से एक राज्य से दूसरे राज्यों में अपने वाहनों को चला सकेंगे।
अभी क्या हैं नियम?
गाड़ियों के मामले में मौजूदा नियम ये है कि अगर किसी गाड़ी को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट कराना होता है तो उसका उस राज्य में फिर से रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसमें गाड़ियों के पेपर समेत अन्य कागजातों का भी ट्रांसफर होता है। इसके लिए दोनों राज्यों में कई जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है और इसमें काफी समय भी लगता है। नया नियम बन जाने से यह सब बहुत आसान हो जाएगा।
किसको होती है परेशानी?
पुराने नियमों से सबसे ज्यादा परेशानी सरकारी कर्मचारियों, रक्षा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों और कई राज्यों में ब्रांच वाली प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को होती है। जैसे ही उनका ट्रांसफर होता है, गाड़ी को दूसरे राज्य में ले जाने और री-रजिस्ट्रेशन कराने की समस्या सामने आ जाती है। मौजूदा समय में अगर किसी का एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होता है तो गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक साल का समय दिया जाता है। इस एक साल में एक लंबी चौड़ी प्रक्रिया के तहत गाड़ियों का री-रजिस्ट्रेशन कराना होता है। नए कानून के लागू हो जाने के बाद एक राज्य से दूसरे राज्य में गाड़ी लाने और ले जाने में कोई परेशानी नहीं होगी।
नये नियम में क्या होगा?
परिवहन मंत्रालय IN Series के रजिस्ट्रेशन की योजना बना रहा है। ‘इन’ सीरीज के रजिस्ट्रेशन होने से जिस राज्य की गाड़ी है उसमें और जिस राज्य में मौजूदा वक्त में गाड़ी चल रही है, दोनों जगहों पर यह रजिस्ट्रेशन काम आएगा। इस रजिस्ट्रेशन से गाड़ियों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना आसान हो जाएगा और दुबारा रजिस्ट्रेशन का कोई झंझट नहीं रहेगा।