देखें Video: MP के मंत्री ने पैर से मारी ठोकर और गिर गई भ्रष्टाचार की दीवार
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) के निरीक्षण के दौरान रविवार को निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को पोल खुल गई।
ग्वालियर। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) के निरीक्षण के दौरान रविवार को निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को पोल खुल गई। ऊर्जा मंत्री की एक लात से चैंबर के लिए बनाई जा रही भ्रष्टाचार (Corruption) की दीवार गिर गई। इतना ही नहीं दीवार पर खड़े तोमर गिरते गिरते बच गए। निर्माण कार्यों की घटिया क्वालिटी देखकर मंत्री जी भड़क गए और कलेक्टर एवं नगर निगम कमिश्नर (Municipal Commissioner) से नाराजगी जताई। मंत्री की नाराजी देखकर नगर निगम कमिश्नर एक्शन में आये और चार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिये एवं कंपनी पर मोटा जुर्माना लगाया।
नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने मानसिक आरोग्यशाला के पास अमृत योजना के तहत बनाए जा रहे पानी के चैंबर की निर्माण क्वालिटी मानक अनुरूप नहीं मिलने पर संबंधित कंपनी के खिलाफ 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाने एवं कंपनी के आरई, एआरई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कंपनी को पत्र लिखने के निर्देश दिए । कमिश्नर के निर्देश पर फील्ड इंजीनियर को तत्काल हटाया गया एवं सहायक यंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आज रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शिंदे की छावनी से बहोड़ापुर तक सड़क का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर (Gwalior Collector) कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक (Gwalior SP) अमित सांघी, निगमायुक्त शिवम वर्मा भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान मानसिक आरोग्यशाला के पास अमृत योजना के तहत बनाए जा रहे पानी के चैंबर की गुणवत्ता को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जब देखा, तो गुणवत्ता मानक अनुरूप नहीं पाई गई। मंत्री की एक लात से चैंबर की दीवार भरभराकर गिर गई, यहाँ मंत्री जी गिरते गिरते भी बचे। बाद में चैंबर को आरसीसी का बनाने के निर्देश दिए गए।
ऊर्जा मंत्री (Energy Minister) की नाराजगी सामने आने के बाद नगर निगम कारना शिवम वर्मा ने संबंधित कंपनी मैसर्स विष्णु प्रकाश पुंगलिया के खिलाफ 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाने की कार्यवाही की। इसके साथ ही कंपनी के आरई दिनेश परमार, एआरई योगेंद्र सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हेतु कंपनी को पत्र लिखने के निर्देश दिए। साथ ही फील्ड इंजीनियर प्रतीक शर्मा को तत्काल हटाया (Suspended) गया। वहीं सहायक यंत्री विष्णु पाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।