कटनी । बारह वर्ष पूर्व विजयराघवगढ़ के ग्राम डोकरिया एवं बुजबुजा में वेलस्पन एनर्जी कंपनी ने दस हजार करोड़ की लागत से पाॅवर प्लांट बनाने हेतु जमीन का अधिगृहण किया था पर आज दिनांक तक पाॅवर प्लांट स्थापना में कोई प्रगति नहीं हुई है आज विधानसभा में विधायक संजय पाठक ने शून्यकाल में वेलस्पन एनर्जी कंपनी द्वारा पाॅवर प्लांट न लगने का मुद्दा उठाया उन्होंने अपनें प्रश्न के माध्यम से सरकार से जानना चाहा कि वेलस्पन कंपनी द्वारा जमीन लेते समय शासन को, किसानों को और मुझे स्वयं यह आश्वस्त किया कि प्रत्येक किसान को जमीनों के रेट से ढाई गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाएगा हर किसान के परिवार से एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी बाकी बेटों को एक-एक मोटर साइकिल देंगे, क्षेत्र में पांच हिन्दी मीडियम हायर सेकेण्डरी स्कूल खोलेंगे, पांच इंग्लिश मीडियम हायर सेकेण्डरी स्कूल खोलेंगे, पचास आंगनबाडियों को गोद में लेंगे।
धोखा देने पर भूमि अधिग्रहण निरस्त करते हुए किसानों को खेती के लिए जमीन दिलाने की मांग
शासकीय बरही महाविद्यालय के भवन को बनाकर देंगे साथ ही साथ दस हजार करोड़ से बनने वाले प्लांट में 4000 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देंगे। इन्हीं शर्तों के आधार पर, कि हमारे क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा, हर परिवार को, उनकी जमीनों का ढाई गुना ज्यादा मुआवजा मिलेगा, किसानों के बाकी लड़कों को मोटर साइकिल भी दी जायेगी और बेरोजगार नौजवानों का समूह बनाकर उन्हें भी कान्ट्रेक्ट बेस पर कार्य मिलेगा। साथ ही साथ तीन से चार हजार क्षेत्रीय युवा बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करेंगे इन शर्तों पर वेलस्पन कंपनी प्रोजेक्ट लेकर आई जिस पर शासन से अनुबंध करके वहां के किसानों की जमीनों का अधिग्रहण कराया अधिग्रहण के पश्चात् विगत 11-12 वर्षों में इन्होंने वहां पर एक इंच का काम भी नहीं किया और उपरोक्त अधिग्रहित भूमि को जिसमें 4000 लोगों को रोजगार प्रदान किया जाना था।
किसानों से शासन के माध्यम से जमीनें अधिग्रहीत कर उस भूमि पर इन्होंने बाउंड्रीवाल बनाकर किसी दूसरी कंपनी को आठ गुना से ज्यादा दामों में बेच दिया गया है तथा कटनी जिले के अधिकारियों द्वारा इसका नामांतरण भी बिना स्टाम्प शुल्क चुकाए सुनियोजित ढ़ंग से शासन को भारी राजस्व की क्षति पहुंचाते हुए कर दिया गया।
जिसके फलस्वरूप उस भूमि पर ना तो प्लांट लगा है और ना ही किसान खेती कर पा रहे हैं अतः उद्योग विभाग के एवं एग्रीमेंट (अनुबंध) की शर्तें पूरी न करने तथा किसानों के साथ इतने बडे धोखे हेतु जिम्मेदार वेलस्पन एनर्जी कंपनी द्वारा अधिग्रहित भूमि का अधिग्रहण निरस्त करते हुए किसानों को उक्त भूमि वापस दिलाते कृषि कार्य करने दिया जाय । यदि ऐसा नहीं किया जाता तो स्थिति जनआंदोलनात्मक हो सकती है।