Supreem Court चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया उदय उमेश ललित ने नए सिस्टम कि शुरुआत की जससे लंबे समय से लंबित केस जल्द निपटाए जा सकें। हालांकि इस नए सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट की ही तीन जजों वाली बेंच ने नाखुशी जाहिर की। अब सीजेआई यूयू ललित ने किसी भी तरह के मतभेद को खारिज करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के सभी जज एकमत हैं।
सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सीजेआई ने कहा, ‘हमने लिस्टिंग का एक नया तरीका अपनाया है। इस मामले में जो कुछ बातें हो रही हैं, वे सही नहीं हैं। सभी जज एकमत हैं।’ उन्होंने कहा कि लिस्टिंग के नए सिस्टम की वजह से काम बेहद तेजी से चल रहा है। जब से इसे लागू किया गया है, 5200 केस निपटाए जा चुके हैं।
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पहले खबर आई थी कि सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने CJI चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित की ओर से लाए गए केसों की लिस्टिंग के नए सिस्टम पर नाखुशी जाहिर की है।
CJI यूयू ललित ने नए सिस्टम की शुरुआत की है, जिससे सालों से लंबित केसों को तेजी से निपटाया जा सके। लेकिन अदालत की एक बेंच ने एक केस की सुनवाई के दौरान इस सिस्टम से नाखुशी जताई। जस्टिस संजय किशन कौल की लीडरशिप वाली तीन जजों की बेंच ने एक केस की सुनवाई के दौरान कहा, ‘नया लिस्टिंग सिस्टम मामलों की सुनवाई के लिए पर्याप्त समय नहीं देता है। जैसा कि मौजूदा मामले में हो रहा है क्योंकि दोपहर के सेशन में कई मामले लंबित हैं।’
बेंच ने जिस मामले को लेकर यह टिप्पणी की है, अब उसकी अगली सुनवाई के लिए 15 नवंबर की तारीख तय की है। सुप्रीम कोर्ट में केसों की लिस्टिंग के नए मेकेनिज्म के तहत शीर्ष अदालत के जज दो अलग-अलग शिफ्टों में काम कर रहे हैं। नए सिस्टम के मुताबिक हर सप्ताह सोमवार और शुक्रवार को 30 जज दो अलग-अलग ग्रुप में बैठेंगे। हर ग्रुप 60 अलग-अलग केसों की सुनवाई करेगा। इनमें नई दायर होने वाली पीआईएल भी शामिल होंगी। इस मेकेनिज्म के तहत यह भी तय हुआ है कि हर मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को तीन जजों की बेंचें बैठेंगी। इनकी ओर से सालों पुराने केसों की दोपहर 1 बजे तक सुनवाई की जाएगी।
यही नहीं लंच के बाद अदालत की कार्यवाही जब दोबारा शुरू होगी तो दो जजों की बेंचें बैठेंगी और वे केसों के ट्रांसफर की अर्जी एवं नए मामलों की सुनवाई करेंगे। इसके अलावा पीआईएल पर भी इन बेंचों द्वारा सुनवाई की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक चीफ जस्टिस यूयू ललित ने 27 अगस्त को कामकाज संभाला था। उसके बाद से अब तक नए मेकेनिज्म के तहत कुल 5,000 मामलों का निपटारा अदालत की ओर से किया जा चुका है। कुल 13 वर्किंग डेज में शीर्ष अदालत ने 3,500 विविध मामलों को निपटाया है। इसके अलावा नियमित सुनवाई वाले 250 केसों और 1,200 ट्रांसफर मामलों की सुनवाई पूरी हुई है।