भोपाल। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार( Kamal Nath government) का एक साल सफलतापूर्वक गुज़र गया। इस एक साल में सरकार मज़बूत हुई बल्की विधायकों की सदस्यता (MLA membership) में भी इजाफा हो गया।
बीते एक साल में कई बार मंत्री मंडल में फेरबदल की चर्चा चली लेकिन फिर मामला टलता गया। अब नए साल में पार्टी जब मज़बूत हुई है तो विधायकों और कार्यकर्ताओं की उम्मीद भी परवान चढ़ रही हैं। दरअसल, एक दर्जन विधायक मंत्री मंडल के विस्तार का इंतज़ार कर रहे हैं।
वहीं, एक सैकड़ों से अधिक नेता निगम मंडल में नियुक्ति के लिए टिकटिकी लगाए बैठे हैं। इनमें से कई ऐसे नेता हैं। जिनका किरदार सामने के बजाए कांग्रेस की सरकार बनाने में अहम रहा है। पिछले साल 25 दिसंबर को सीएम कमलनाथ ने कैबिनेट का गठन किया था। ऐसा पहली बार हुआ था जब 29 विधायकों को सीधे मंत्री दर्जा दिया गया, लेकिन गुटीय संतुलन बनाने के लिए सरकार को दूसरे बार के कई विधायकों को मंत्री मंडल में शामिल किया गया। जिससे पार्टी के वरिष्ठ विधायक नाराज़ हो गए। इनमें असंतोष है, जिसे दूर करने के लिए अब मंत्री मंडल का विस्तार किया जाएगा। और ऐसे विधायकों को इसमें एडजस्ट किया जाएगा।
वेटिंग लिस्ट में ये शामिल
निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर(Independent MLA Surendra Singh Thakur), केदार डाबर(Kedar Dabur), विक्रम सिंह राणा, समाज वादी पार्टी के इकलौते विधायक राजेश शुक्ला(MLA Rajesh Shukla) और बसपा से संजीव कुशवाह और रामबाई अभी सरकार को समर्थन दे रहे हैं। कांग्रेस विधायक केपी सिंह, एदल सिंह कंसाना और राज्यवर्धन सिंह के नामों पर विचार हो सकता है।