लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ जरदारी ने बेदखल प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भाई एवं पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने दावा किया कि शरीफ भाइयों ने दो बार उनकी हत्या कराने का प्रयास किया था। जरदारी ने 2018 के चुनाव के बाद शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के साथ गठबंधन से इन्कार किया।
उन्होंने कहा कि जब वह 1990 के दशक में भ्रष्टाचार के मामले में जेल में थे तब सुनवाई के लिए कोर्ट जाने के दौरान उनकी हत्या करने की साजिश रची गई थी।
जरदारी शनिवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कहा कि नवाज समर्थन के लिए उनके साथ संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उन्होंने मना कर दिया है। जरदारी ने कहा, ‘उन्होंने (शरीफ भाइयों) बेनजीर के साथ क्या किया, यह मैं भूला नहीं हूं।
फिर भी उन्हें माफ कर दिया और चार्टर ऑफ डेमोक्रसी पर हस्ताक्षर कर दिए। लेकिन नवाज मेमोगेट मामले में मुझ पर देशद्रोह का आरोप लगाने के लिए कोर्ट पहुंच गए।’
मेमोगेट विवाद ओसामा बिन लादेन पर कार्रवाई में मदद के लिए ओबामा प्रशासन के ज्ञापन से जुड़ा है। आरोप है कि अमेरिका में तत्कालीन पाक राजदूत हुसैन हक्कानी ने जरदारी के कहने पर ज्ञापन का मसौदा तैयार किया था।
जरदारी ने कहा कि शरीफ बंधुओं पर विश्वास नहीं किया जा सकता। वे जब मुसीबत में होते हैं तो आपके साथ सहयोग के लिए तैयार हो जाते हैं और जब सत्ता में होते हैं तो दुत्कार देते हैं।
बताया जाता है कि जरदारी सेना के साथ संबंध सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के तहत उन्होंने शरीफ बंधु के साथ तालमेल से इन्कार किया।