नई दिल्ली। नौकरी करने वालों को बड़ा झटका लग सकता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) प्रॉविडेंट फंड (PF) पर ब्याज दरों में कटौती करने पर विचार कर रहा है. EPFO वित्त वर्ष 2020 के लिए पीएफ डिपॉजिट पर ब्याज दर 15 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.15 फीसदी घटाकर 8.50 फीसदी कर सकता है. वित्त वर्ष 2019 में ब्याज दर 8.65 फीसदी थी. नौकरीपेशा लोगों के लिए पीएफ (PF) भविष्य की सुरक्षा का बड़ा माध्यम है और ब्याज दर कम होने से उन पर सीधा असर पड़ेगा. 5 मार्च को होने वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की मीटिंग में EPFO के बारे में निर्णय लेने के लिए चर्चा की जाएगी.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉन्ग टर्म फिक्स्ड डिपॉजिट्स (FDs) बॉन्ड्स और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज से EPFO की कमाई पिछले सालभर में 50-80 बेसिस प्वाइंट्स घटी हैं. ऐसे में EPFO के लिए इस साल ब्याज दरें जस की तस रखना मुश्किल हो सकता है.
EPFO ने दो नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस (NBFCs) में तकरीबन 4,500 करोड़ रुपये निवेश किए हैं. इसमें दीवान हाउसिंग फाइनेंस (DHFL) और इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) शामिल हैं. इन दोनों में लगाए पैसे को तुरंत वापस पाना मुश्किल है क्योंकि दोनों कंपनियां बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रॉसेस से गुजर रही हैं.
EPFO ने 18 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है. इसमें से 85 फीसदी डेट मार्केट में और 15 फीसदी ETFs के जरिए इक्विटीज में किया है. मार्च 2019 के अंत में इक्विटीज में EPFO का कुल निवेश 74,324 करोड़ रुपये का था और उसे 14.74% का रिटर्न मिला था.