रायपुर। पंजाब कांग्रेस की राजनीति में मची उथल-पुथल के बीच छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का हल्ला तेज हो गया है। दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन और कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद करीब 15 दिन शांत रहे विधायक फिर सक्रिय हो गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में करीब 15 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। ये विधायक प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से मुलाकात करेंगे और प्रदेश में मुख्यमंत्री को बदलने की चर्चा पर विराम लगाने की मांग करेंगे। इन विधायकों का नेतृत्व रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह कर रहे हैं।
मीडिया से बृहस्पत ने चर्चा में कहा कि कुछ विधायक छत्तीसगढ़ सदन और कुछ विधायक होटल में रुके हैं। विधायक प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से मुलाकात करेंगे और प्रदेश की राजनीतिक स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। बृहस्पत ने कहा कि पहले भी कांग्रेस के 60 विधायकों ने लिखित और मौखिक रूप से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पक्ष में समर्थन दिया है।
आलाकमान को विधायकों ने अपने निर्णय के बारे में बताया है। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल टीएस सिंहदेव का नाम लिए बिना बृहस्पत ने कहा कि किसी एक व्यक्ति को खुश करने के लिए कांग्रेस के 70 विधायकों का भविष्य दांव पर नहीं लगाया जा सकता है। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री बघेल के समर्थन में विधायकों से हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था, जिसमें तीन मंत्रियों को छोड़कर करीब 52 विधायकों ने हस्ताक्षर करके सहमति दी है।
क्या हो रहा देखने गए होंगे विधायक: सिंहदेव
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विधायकों के दिल्ली जाने के सवाल पर कहा कि यह प्रजातंत्र है और कांग्रेस एक खुला मंच है। शीर्ष नेतृत्व लोगों को मुलाकात का समय देते हैं। इन विधायकों को अगर समय दिया गया होगा तो मुलाकात होगी। सिंहदेव ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि छत्तीसगढ़ की राजनीति को लेकर क्या चर्चाएं थी। इसमें छिपने-छिपाने की कोई बात नहीं है। बदलाव की बात थी, होगी या नहीं होगी यह बाद की बात है, लेकिन वह बात खुल गई है। पिछली बार जब विधायक दिल्ली गए थे तो इस बात पर चर्चा हो गई थी। हो सकता है कि विधायक अपनी बात रखने गए हों। दिल्ली में क्या हो रहा है, वह देखने गए हों।