ग्वालियर। हाईकोर्ट की युगल पीठ ने तलाक के मामले में बहस के दौरान कहा कि हमने तो पत्नियों को प्रताड़ित हुए ज्यादा देखा। पति अपनी पत्नी से प्रताड़ित हैं, ऐसा केस लंबे समय बाद देखने में आया है। पति यह साबित करने में कामयाब रहा कि वह पत्नी से प्रताड़ित हुआ है। इस मामले को सर्दियों की छुट्टी के बाद ही सुना जाएगा।
28 सितंबर 2021 को भिंड के कुटुंब न्यायालय ने पति-पत्नी के बीच तलाक का आदेश दिया था। पति यह साबित करने में कामयाब रहा कि वह पत्नी से प्रताड़ित था। इस कारण साथ रहना नहीं चाहता है। पत्नी ने तलाक के अादेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी।
पत्नी की ओर से तर्क दिया गया है कि वह वह तलाक नहीं चाहती है और पति के साथ रहना चाहती है। इसलिए तलाक के आदेश को निरस्त किया जाए। पत्नी ने आरोप लगाया था कि जो बच्चा है, वह उसका नहीं है। इसकी डीएनए रिपोर्ट भी कराई, जिसमें बच्चा पति का ही। बच्चे का जन्म 2016 में हुआ था। दोनों का विवाह 2012 में हुआ था और 2016 तक वह पति के साथ रही है। कोर्ट ने सवाल किया कि पत्नी ने कितने केस दर्ज करा रखे हैं। जवाब मिला कि दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा व भरण पोषण के केस चल रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि अब संबंध तो स्थापित नहीं हो सकते। लेकिन भरण पोषण तो हम दिला सकते हैं