पहले भी हामिद अंसारी ने कई दफा दिए ‘मोदी सरकार’ के खिलाफ सनसीखेज बयान

पहले भी हामिद अंसारी ने कई दफा दिए 'मोदी सरकार' के खिलाफ सनसीखेज बयान
नई दिल्लीः पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का बयान सामने आते ही उनकी आलोचना शुरू हो गई। एक तरफ नेताओं ने उनके इस विचार का विरोध किया, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर भी उन्हें ट्रोल किया जाने लगा लेकिन ये पहला मौका नहीं है जब हामिद ने एेसी बयानबाजी की है। इससे पहले भी कई मुद्दों को लेकर उपराष्ट्रपति अंसारी सुर्खियों में आए थे। सोशल मीडिया पर कहा जाने लगा कि उपराष्ट्रपति पद से हटते ही हामिद अंसारी मुसलमान हो गए। इसके अलावा हामिद अंसारी के अतीत के कुछ विवादों को भी सामने रखा। अगर हामिद अंसारी के अतीत में जाएं तो इस सवालों के जवाब मिल जाते हैं. खासकर केंद्र में बीजेपी सरकार आने के बाद उनके कुछ बयानों को देखें तो उनमें मोदी सरकार पर टिप्पणी और दलित-मुस्लिमों के उत्पीड़न पर चिंता नजर आती है।

अखलाक की हत्या पर बोले अंसारी
ग्रेटर नोएडा के दादरी में बीफ के शक में अखलाक नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। हर तरफ इस दुर्दांत वारदात की आलोचना की गई। बतौर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी इस घटना पर अफसोस जताया। अक्टूबर 2016 में उन्होंने कहा ”देश के हर नागरिक को जीने का हक है और सभी की जिम्मेदारी है कि अपने पड़ोसियों की रक्षा करें। सरकार भी अधिकारों की सुरक्षा करे।”

भेदभाद को दूर करे मोदी सरकार
सितंबर 2015 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सीधे तौर पर मोदी सरकार को टारगेट किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को मुस्लिमों के साथ हो रहे भेदभाव को दूर करना चाहिए। इसी दौरान उन्होंने कहा कि सरकार का ‘सबका साथ सबका विकास’ नारा काबिल-ए तारीफ है। मगर इस देश के मुसलमानों को हमेशा सवालिया निशानों से देखने से बाज आना चाहिए।
समाज में फैल रहा संकर्ण सोच दायरा
इसके अलावा उन्होंने इसी साल मार्च में पंजाब यूनिवर्सिटी में कहा था कि विश्वविद्यालयों की आजादी के सामने आज चुनौती खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि हाल के समय में संकीर्ण सोच का दायरा फैल रहा है। उन्होंने कहा था कि संविधान में असहमति और विरोध का जताने का अधिकार इसीलिए दिया गया है कि समाज में विचारों की आजादी बनी रहे। दिसंबर 2009 में उन्होंने पटना में कहा था कि आजकल मुसलमानों की बढ़ती आबादी को लेकर उनकी नई छवि बन रही है।
योग दिवस में नहीं हुए थे शामिल
21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। पीएम मोदी ने राजपथ पर हजारों लोगों के साथ योग किया। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी योग किया। मगर उपराष्ट्रपति होते हुए हामिद अंसारी योग दिव स कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने इस पर हामिद अंसारी की आलोचना भी की थी। हालांकि, उन्होंने बाद में हामिद अंसारी की तबीयत खराब होने की जानकारी होने की दलील देते हुए अपना ट्वीट डिलीट कर लिया था।
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