बिहार के बेतिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंगलवार की सुबह मंशा टोला के रहने वाले पेशे से ड्राइवर फखरू जमा (55) की मौत कोरोना संक्रमण से हो गयी। उनके परिजन सुबह पांच बजे से ही शव को कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार परिजनों को सौंपने की मांग कर रहे थे। अस्पताल में फखरू जमा की पत्नी, बेटी रेशमा परवीन व पुत्र मो. शिबू मौजूद थे।
लगभग छह घंटे तक इंतजार के बाद भी अस्पताल प्रशासन में कोई सुगबुगाहट नहीं देख रेशमा परवीन खुद जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए कंट्रोल व कमांड रूम में पहुंचीं। वहां पहुंच उन्होंने शिकायत दर्ज करायी तो अस्पताल के कर्मियों ने उन्हें शव पैक करने वाला बैग और पीपीई किट उपलब्ध कराया। रेश्मा ने अपने भाई मो. शिबू के सहयोग से पिता के शव को बैग में पैक किया। फिर डेडबॉडी को स्ट्रेचर पर रखकर नीचे ले आयी। उसके बाद दोनों भाई- बहनों ने मिलकर शव को एम्बुलेंस में रखा।
रेशमा ने बताया कि वे लोग सुबह पांच बजे से परेशान थे। यहां अस्पताल में कोई सुनने वाला नहीं था। मरीज व उनके परिजनों की परेशानियों से अधिकारियों का कोई लेना-देना नहीं है। अंत में थक कर हमलोगों ने स्वयं अपने पिता के शव को अस्पताल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए बैग में पैक किया। अब सरकारी एम्बुलेंस से शव को अपने घर मंशा टोला ले जा रहे हैं। वहां कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया जाएगा। इधर, इस बाबत पूछे जाने पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रमोद तिवारी ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी पत्रकारों द्वारा ही मिली है। वे स्वयं सत्यता की जांच करेंगे।