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पुलवामा में पुलिस लाइन पर आतंकी हमला, 8 शहीद, 3 आतंकी मारे गए
जम्मू। आतंकियों ने शनिवार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा पुलिस लाइन पर इस साल का सबसे बड़ा हमला किया। आतंकी गोलियां बरसाते हुए जिला पुलिस लाइन में घुस गए। 15 घंटे की मुठभेड़ में चार सीआरपीएफ व चार पुलिसकर्मियों समेत आठ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए और सात घायल हो गए। सुरक्षाबलों ने भी 3 आतंकियों को मार गिराया।
दो एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) अभी लापता बताए जा रहे हैं। पुलिस लाइन में मुठभेड़ के दौरान परिसर में स्थित दो इमारतें पूरी तरह तबाह हो गईं। इस बीच आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है। उधर पुलवामा में आतंकी समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पें भी हुई, जिनमें तीन लोग घायल हो गए।
प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पूरे पुलवामा जिले में इंटरनेट व मोबाइल सेवा बंद कर दी है। दूसरी ओर दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में पुलवामा मुठभेड़ के बाद हालात की समीक्षा की गई। जानकारी के अनुसार स्वचालित हथियारों से लैस आत्मघाती आतंकियों का एक दल तड़के करीब पौने चार बजे ग्रेनेड दागते और फायरिंग करते हुए जिला पुलिस लाइन परिसर में दाखिल हो गया। अचानक हुए इस हमले की शुरुआत में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। अन्य सुरक्षाकर्मियों ने गोलियों की आवाज सुनते ही पोजीशन ली ओर जवाबी फायर किया।
सुरक्षाबलों की कार्रवाई शुरू होते ही आतंकी जिला पुलिस लाइन मुख्यालय परिसर के भीतर बने आवासीय ब्लॉक की तरफ भागे। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को सी-ब्लॉक की ओर घेर लिया। इसी दौरान ब्लॉक के अंदर फंसे पुलिस अधिकारियों, जवानों व उनके परिजनों को बाहर निकालने का अभियान भी शुरू कर दिया गया। अंदर एक एएसपी, दो डीएसपी रैंक के अधिकारियों के अलावा राज्य पुलिस विशेष अभियान दल के पुलवामा प्रभारी का परिवार भी फंसा था। आतंकियों की गोलियों की बौछार के बीच ही पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के पैरा कमांडो ने इन लोगों को सुरिक्षत बाहर निकाला, लेकिन दो एसपीओ उस जगह फंस गए, जहां आतंकियों ने पोजीशन ली थी। अधिकारियों ने बताया कि एक पुलिसकर्मी सुबह शहीद हो गया था, जबकि पहला आतंकी दोपहर 12 बजे के करीब मारा गया और दूसरा दोपहर पौने दो बजे ढेर हुआ। इस दौरान 14 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिनमें से सात ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
ये थे निशाने पर
जिला पुलिस लाइन में स्थित सुरक्षाबलों द्वारा स्थापित इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलांस सेंटर और राज्य पुलिस का विशेष अभियान दल का पुलवामा मुख्यालय आतंकियों के निशाने पर था। परिसर में स्थित सर्वेलांस सेंटर के जरिये ही दक्षिण कश्मीर में सक्रिय आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड नेटवर्क की गतिविधियों की निगरानी होती थी और यहीं से आतंकरोधी अभियानों का संचालन होता था।
पहले से था हमले का अलर्ट
सुरक्षाबलों ने एक खुफिया सूचना के आधार पर पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था कि जैश-ए-मुहम्मद का आत्मघाती दस्ता कश्मीर में किसी बड़े हमले को अंजाम देने वाला है। अंदाजा था कि आतंकियों का निशाना श्रीनगर शहर में या फिर उसके आसपास स्थित कोई बड़ा प्रतिष्ठान या हाईवे हो सकता है। पुलवामा जिला पुलिस लाइन पर हमले का सुरक्षा एजेंसियों को आभास नहीं था।
शहीद चार पुलिसकर्मी
- कांस्टेबल इम्तियाज अहमद निवासी कुलगाम
- पुलिस नर्सिग अर्दली अमरजीत सिंह निवासी बड़गाम
- एसपीओ रफीक अहमद हज्जाम व मुहम्मद यूसुफ हज्जाम दोनों निवासी पुलवामा
शहीद चार सीआरपीएफ कर्मी
- कांस्टेबल जसवंत सिंह पुत्र रामधीर सिंह, गांव शेखपुर मारी जिला गुरुग्राम, हरियाणा
- हेड कांस्टेबल धन्नवाडे रविंद्रा बबन पुत्र डी बबन निवासी गणपत गांव मोहट तहसील जावली, जिला सतारा, महाराष्ट्र
- दो शहीदों की पहचान नहीं हुई है।