इंदौर Crime News Indore। पुलिसकर्मी कोरोना से मौत होने पर उस जिले के एसपी नपेंगे। बटालियन में हादसा हुआ तो संबंधित कमांडेंट कार्रवाई के दायरे में होंगे। डीजीपी विवेक जौहरी के अल्टीमेटम से अफसर सकते में हैं। थाना स्तर पर कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों की जानकारी जुटाई जा रही है।
कोरोना की दूसरी लहर में पुलिसकर्मियों की मौत के आंकड़ों से गृह मंत्रालय हैरान है। डीजीपी विवेक जौहरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में सभी आइजी, डीआइजी और एसपी को इस संबंध में निर्देश दिए है। डीजीपी ने कहा कि कर्मियों की देखभाल की जिम्मेदारी एसपी है। संक्रमित पुलिसकर्मी के इलाज में कोई लापरवाही तो नहीं हुई य़ह देखना भी एसपी का काम है।
डीजीपी ने यह भी कहा कि कर्मचारी आइसीयू,वेंटिलेटर या ऑक्सीजन सपोर्ट पर है तो उसकी देखभाल के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर प्रतिदिन की रिपोर्ट मुख्यालय भेजेंगे। इस आदेश के बाद एसपी ने थाना प्रभारियों को स्टाफ की देखभाल का जिम्मा सौंपा है। टीआइ प्रतिदिन होने वाली गणना में चर्चा कर रहे।
पुलिस के कोविड-19 अस्पताल से 290 संक्रमितों को ठीक कर घर भेजा
इधर पुलिस लाइन में 1 मई को खुले कोविड-19 अस्पताल से 290 पुलिसकर्मी और उनके स्वजन ठीक होकर घर पहुंच गए। आरआइ जयसिंह तोमर के मुताबिक अस्पताल में कईं पुलिसकर्मी गंभीर अवस्था में आए थे जिन्हें तत्काल ऑक्सीजन की आवश्यकता था। डॉक्टर दिनेश आचार्य और डॉ.राजेश सहाय(एसीप डीएसबी) ने मरीजों की देखभाल की। आरआइ के मुताबिक उस वक्त डॉ.आचार्य की पत्नी अरबिंदो अस्पताल में भर्ती थी और डॉ.सहाय का बेटा होम आइसोलेशन में था।