पंचायत ने काफी समय पहले सामाजिक बुराइयां दूर करने का अभियान शुरू किया था। सबसे पहले मृत्यु भोज पर रोक लगाने का निर्णय लिया था। इस अभियान के अच्छे नतीजे आए। लोग अब तेरहवीं पर केवल घर के सदस्यों के लिए ही भोजन करने लगे हैं। हालांकि पंचायत ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि स्वर्गवासी सदस्य की आयु 80 वर्ष से अधिक है तो तेरहवीं पर सादगी से रिश्तेदारों के लिए भोजन की व्यवस्था कर सकते हैं।
पंचायत के महासचिव माधु चांदवानी के अनुसार कुछ लोग अब भी मृत्यु भोज कर रहे हैं। ऐसे सदस्यों से विनम्रतापूर्वक आग्रह किया जा रहा है कि वे ऐसा न करें। पंचायत के पदाधिकारियों ने अब निर्णय लिया है कि वे मृत्यु भोज में शामिल नहीं होंगे। पंचायत अध्यक्ष साबूमल रीझवानी एवं उपाध्यक्ष परसराम आसनानी का कहना है कि हमने सदस्यों से आग्रह किया है कि वे भी मृत्यु भोज में न जाएं, इससे धीरे-धीरे यह कुप्रथा समाप्त हो जाएगी