Viplaw Dev : पूर्व मुख्यमंत्री ने रिक्शा चालक के घर अचानक पहुंचे, खाना खाते हुए बोले । पूर्व मुख्यमंत्री रिक्शाचालक दास से मिले, जो उन्हें स्कूल छोड़ने के लिए जाते थे। दास ने कहा कि बिप्लब से मिलने के बाद मुझे जो संतुष्टि मिली है, उसे व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं।
जब मैं स्कूल में था तब वह दास के रिक्शे में सफर करता था। उन्होंने कहा कि मेरे स्कूल के दिनों में मैं उनके रिक्शे पर सवारी किया करता था। मेरे परिवार के सदस्य भी कहीं जाते थे तो उनके रिक्शे का इस्तेमाल करते थे।
त्रिपुरा के गोमती जिले के मुरापारा इलाके के रिक्शाचालक सुनील दास रविवार दोपहर उस समय दंग रह गए जब राज्यसभा सांसद बिप्लब कुमार देब दोपहर के भोजन के लिए उनके घर पहुंच गए। बिप्लब कुमार देब सीधे रसोई में बैठ गए और वहीं पर उन्होंने खाना खाया। विधानसभा चुनाव से पहले ‘घर घर बीजेपी’ कार्यक्रम के तहत देब ने जिले के माताबारी निर्वाचन क्षेत्र में एक रैली का नेतृत्व किया और घर-घर जाकर प्रचार किया।
कार्यक्रम के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रिक्शाचालक दास से मिले, जो उन्हें स्कूल छोड़ने के लिए जाते थे। दास ने कहा कि बिप्लब से मिलने के बाद मुझे जो संतुष्टि मिली है, उसे व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। उन्होंने आगे बताया कि बिप्लब तब बहुत छोटे थे, तब मैं उनको रिक्शा से स्कूल छोड़ने जाता था। इससे भी अधिक दिलचस्प बात यह है कि एक बड़े राजनीतिक नेता होने के बावजूद उन्होंने मेरी झोपड़ी में दोपहर का भोजन किया।
उन्होंने कहा कि हमें गर्व महसूस होता है
उन्होंने कहा कि हमें गर्व महसूस होता है कि हमारे गांव का कोई व्यक्ति राज्य का मुख्यमंत्री बना और अब राज्यसभा सांसद है। उनके पिता हिरुधन देब, जो जनसंघ के सदस्य थे, जब भी मैं उनसे मदद मांगता था, मेरी मदद करते थे। दास ने कहा कि देब के पिता एक बार रिक्शा खरीदने के लिए लिए गए कर्ज के गारंटर बन गए थे। उन्होंने कहा कि दिन बीत गए हैं लेकिन यादें ताजा हैं।
बिप्लब कुमार देब ने कहा कि जब वह स्कूल में था तब वह दास के रिक्शे में सफर करता था। उन्होंने कहा कि मेरे स्कूल के दिनों में मैं उनके रिक्शे पर सवारी किया करता था। मेरे परिवार के सदस्य भी कहीं जाते थे तो उनके रिक्शे का इस्तेमाल करते थे। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से उन्होंने अपने कमरे में मेरा स्वागत किया और दोपहर के भोजन की पेशकश की, उससे मैं अभिभूत हूं।