भोपाल। कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी भारी पड़ गई। कलेक्टर-कमिश्नर, आइजी और पुलिस अधीक्षक के साथ वीडियो कांफ्रेंस खत्म होने पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बैतूल कलेक्टर राकेश सिंह और नीमच कलेक्टर जितेंद्र सिंह राजे को हटाने के निर्देश दे दिए।
वहीं, बोहरा धर्म गुरू सैयदना साहब का नाम एफआइआर में शामिल करने पर गुना पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह और नगर पुलिस अधीक्षक नेहा पच्चीसिया को हटाने का आदेश दिया। निवाड़ी की पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह को भी हटाने के लिए कहा। इनके तबादला आदेश जारी कर दिए गए हैं ।
राजेश सिंह और वाहिनी सिंह को पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया है जबकि नेहा को भी पुलिस मुख्यालय में उप पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। वहीं जितेंद्र सिंह राजे को अपर सचिव व राकेश सिंह को उप सचिव बनाया गया है।
सूत्रोंं के मुताबिक मुख्यमंत्री ने दिनभर चली बैठक के बाद कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गुना में सैयदना साहब के नाम एफआइआर दर्ज कर दी गई थी। जबकि, वे मुंबई में रहते हैं। उनकी कहीं कोई भूमिका नहीं है और न ही कहीं किसी दस्तावेज में हस्ताक्षर थे। इस बारे में बोहरा समाज द्वारा नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत की गई थी।
इसके बाद गुना पुलिस ने उनका नाम एफआइआर से हटा भी दिया था। मामला गुना में बने बोहरा कांप्लेक्स का है, जिसमें नौ दुकानों की जगह ज्यादा दुकानें बना ली गई थी। राजस्व विभाग ने जांच में इसे अवैध पाया था और उनके आवेदन पर पुलिस ने दो अलग-अलग एफआइआर बोहरा कमेटी गुना के सचिव शैफी सहित तीन अन्य के खिलाफ दर्ज की थी। वहीं, निवाड़ी की पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह के प्रदर्शन को भी कमतर माना गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे पास सब खबरें आती हैं। बैतूल और नीमच कलेक्टर की कार्यप्रणाली को लेकर उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत शुचिता भी अहम है। दोनों कलेक्टरों को लेकर अलग-अलग माध्यमों से शिकायतें भी पहुंच रही थी।